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कांग्रेस से इस्तीफे बाद गुलाम नबी का ऐलान, BJP में जाने की बजाए बनाएंगे नई पार्टी 

कांग्रेस से इस्तीफा देकर वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को ऐलान किया वह जल्द अपनी नई पार्टी बनाएंगे. उन्होंने भाजपा में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया.

Updated on: 27 Aug 2022, 09:50 AM

highlights

  • नबी ने कहा कि जम्मू.कश्मीर में जल्द ही नई पार्टी का गठन करेंगे
  • राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कार्यशैली पर सवाल उठाए
  • दावा किया कि पार्टी अब समग्र रूप से नष्ट हो चुकी है

नई दिल्ली:

कांग्रेस से इस्तीफा देकर वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने शुक्रवार को ऐलान किया वह जल्द अपनी नई पार्टी बनाएंगे. उन्होंने भाजपा (BJP) में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया. पांच दशक तक कांग्रेस (Congress) को अपनी सेवा देने वाले गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही वह नई पार्टी का गठन करने वाले हैं. इस्तीफे के बाद उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. नबी ने दावा किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी अब समग्र रूप से नष्ट हो चुकी है तथा इसके नेतृत्व का आंतरिक चुनाव सिर्फ धोखा है. आजाद ने कहा कि वह अपने समर्थकों तथा लोगों से मुलाकात करने के लिए जल्द ही जम्मू-कश्मीर जाने वाले हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को अपना पांच पन्नों का इस्तीफा भेजने के बाद मीडिया से कहा कि वह जल्द ही जम्मू-कश्मीर भी जाएंगे. यहां पर नई पार्टी बनाएंगे. उन्होंने कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने राहुल गांधी को अपरिपक्व नेता बताया, वहीं पार्टी में अब एकमात्र नेता सोनिया गांधी ही बची हैं. नबी ने कहा कि राहुल के फैसले उनके सुरक्षागार्ड और निजी सहायक करते हैं. 

कार्य योजना स्टोररूम में पड़ी

आजाद ने कहा कि उन्होंने पार्टी में बदलाव लाने के कई बार सुझाव दिए, मगर उन्हें अनदेखा कर दिया गया. 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना बीते नौ सालों से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्टोररूम में पड़ी है. 

लोकसभा चुनाव में हार का हवाला दिया 

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 2014 से सोनिया गांधी के नेतृत्व में और उसके बाद राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस शर्मनाक तरीके से हारी है. दल की 2014 और 2022 के बीच 49 विधानसभा चुनावों में 39 में हार हुई है. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी की स्थिति बेहद खराब हुई है.  चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से नेतृत्व को चुनने के लिए कांग्रेस में किसी तरह कोई चुनाव नहीं हुआ.