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बद्रीनाथ ने सुनी गोंड समाज की समस्याएं, यूपी पुलिस भर्ती तारीख बढ़ाने की मांग

देश के कई राज्यों में एसटी और एससी कि आरक्षण देकर उनकी तरक्की की जा रही है.

Updated on: 15 Jan 2024, 03:35 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में गोंड जाति के लोगों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. दरअसल लोगों इसे बनवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर गोंड जाति के लोग आए दिन तहसील और जिला मुख्यालय में अपनी आवाज उठाते रहते हैं .लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई पूर्ण हल नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह से कई युवा यूपी पुलिस भर्ती का लाभ उठाने से वंचित हो सकते हैं.  

इसके अलावा घोसी नव निर्माण मंच के संस्थापक बद्रीनाथ लोगों की इस परेशानी को समझ रहे हैं. इनकी मांग को समय-समय पर उठाकर लोगों की मदद करने की कोशिश करते हैं. वो गांव-गांव जाकर इस समाज की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनते हैं. इसके बाद संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी देते हैं. आज बद्रीनाथ ने कहा कि यूपी पुलिस की भर्ती की अन्तिम तिथि 16 जनवरी है लेकिन इस तिथि तक ढेर सारे गोंड समाज के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रही है. जिससे वो वंचित हो सकते हैं. इसलिए इनको और समय दिया जाए ताकि इनको अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने का मौका मिल सके. 

देश के कई राज्यों में एसटी और एससी कि आरक्षण देकर उनकी तरक्की की जा रही है. इन जातियों में जैसे कि मीणा, आंध्र प्रदेश में माला, मादिगा ने बड़ी नौकरी पाकर समाज में अच्छा मुकाम हासिल किया है. लेकिन गोंड समाज आज भी पिछड़ा हुआ है. इनकी आवाज आज भी सही तरीके से सरकार तक नहीं पहुंच पा रही है. ये अपनी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. इस मुहीम में बद्रीनाथ का साथ मिलने से इस जाति के लोगों में एक बार फिर आशा की किरण जगी है .

जांच प्रक्रिया की खामियों को उजागर करते हुए बद्रीनाथ जी ने कहा कि जिनका खेत नहीं वो खतौनी कहां से देंगे. इस कड़ी में भठियां गांव में बैठक हुई. यहां सभी के मुद्दों को घोसी नव निर्माण मंच की टीम ने सुना और सामाधान दिलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से बात भी की. भठियां गांव के पूर्व प्रधान ने बताया कि वो अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट से ग्राम प्रधान बने थे. लेकिन सभी जरूरी कागजात दिखाने के बाद भी उनके बच्चों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है.