गाजीपुर हादसे के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और दिल्ली की कूड़ा संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए समाधान निकालने की मांग की है।
आप कार्यकर्ताओं ने मनोज तिवारी का पुतला भी जलाया और पूर्वी दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के उस फैसले के खिलाफ विरोध किया जिसमें शहर का कूड़ा रानी खेरा इलाके में फेंकने को कहा गया है।
आप पार्टी के एमएलए रितुराज के मुताबिक इस फैसले से इलाके के 5 लाख लोग प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, 'इस फैसले से इलाके के लोगों की जान तक जा सकती है। हम रानी खेरा इलाके में कूड़ा फेंकने की इजाज़त नहीं देंगे।'
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रानी खेरा में कूड़ा डालने का फैसला गाजीपुर हादसे के बाद लिया गया जिसमें 1 सितंबर को कूड़ा फेंकने के दौरान 2 लोगों की जान चली गई थी। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी निंयत्रित सिविक बॉडी और दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी को इस हादसे का ज़िम्मेदार ठहराया है।
केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सालों तक वह कूड़े फेंकने की दूसरी वैक्लपिक जगह का बंदोबस्त नहीं कर सके जिसकी कारण सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान सफल नहीं हो सका।
पार्टी ने कहा, 'मनोज तिवारी ने दिल्ली एमसीडी चुनावों के दौरान जनता से वादा किया था कि चुनाव जीत कर आने पर बीजेपी 100 दिनों के अंदर कूड़े से संबंधित समस्या का निदान करेगी।'
पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि, 'गाजीपुर हादसे के बाद एमसीडी की सच्चाई सबके सामने आ गई है।'
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इस बीच मनोज तिवारी ने कहा कि गाजीपुर हादसे के लिए ज़िम्मेदार सिविक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने संज्ञान लिया होता तो यह हादसा टल सकता था।
तिवारी ने कहा, 'दिल्ली सरकार समस्या सुलझाना नहीं चाहती बल्कि यमुना खादर में लैंडफिल बनाकर बड़ी समस्या खड़ा करनी चाहती है।'
वहीं, मंगलवार को नेश्नल ग्रीन ट्रिब्युनल ने दिल्ली सरकार और पूर्वी दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को गाजीपुर हादसे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। एनजीटी ने फटकार लगाते हुए कहा, 'इससे ज़्यादा अमानवीय कुछ और नहीं हो सकता कि लोग कूड़े के पहाड़ में दब कर मारे जा रहे हैं।'
Source : News Nation Bureau