उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में निर्माणाधीन एक पांच मंजिला इमारत घाराशायी हो गई। इस हादसे में कुल दो लोगों की मौत हो गई है जबकि 9 लोग घायल हैं। हालांकि अब भी मलबा हटाया जा रहा है।
एनडीआरएफ की टीम अभी भी राहत और बचाव के काम में जुटी हुई है, जानकारी के मुताबिक मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है।
पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों की पहचान की है जिसे जल्द ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जाएगा।
मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राम कुमार ने कहा, 'काग़ज़ात के मुताबिक यह ज़मीन एक बिल्डर की है। हमने इस मामले में 4 लोगों की पहचान की है और जल्द ही पूछताछ के लिए हिरासत में लेंगे। साथ ही एफआईआर दर्ज़ कर दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।'
बता दें कि पिछले सप्ताह 19 जुलाई को ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारत गिरने से कुल 9 लोगों की मौत हो गई थी। हादसा इतना बड़ा था कि लगभग 5 दिनों तक मलबा हटाने का काम चलता रहा।
कैसे हुआ हादसा
यह हादसा उस वक्त हुआ जब मजदूर इमारत के कार्य को अंतिम रूप दे रहे थे। पुलिस के अनुसार यह हादसा दोपहर करीब 3.30 बजे आवासीय कॉलोनी आकाश नगर में हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इमारत का निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बिना अनुमति लिए किया जा रहा था।
गाजियाबाद के जिला अधिकारी ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की मुआवजा राशि और प्रत्येक घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की है।
हादसे को लेकर गाजियाबाद जोन के आईजी लॉ एंड आर्डर ने कहा, 'जैसे ही हमें जानकारी मिली पुलिस तेजी से घटनास्थल पर पहुंच गई। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। हमने अभी तक 7 लोगों को बाहर निकाला है जिसमें एक शख्स की मौत हो चुकी है जबकि 6 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।'
इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं और विभागीय आयुक्त अनीता सी मेश्राम जांच रिपोर्ट सौंपेगी। घटना के बाद परिवार समेत भागे बिल्डर के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच का दिया आदेश
इमारत गिरने की खबर मिलते ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए और साथ ही दोषी व्यक्तियों के खिलाफ प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बिल्डर ने मजदूरों की बात को असनुना किया
हादसे में घायल मजदूरों के मुताबिक जो इमारत गिरी है उसमें सुबह ही दरार नजर आ रही थी लेकिन बिल्डर ने उन्हें दरारों में सीमेंट भरकर उपरी तल पर काम जारी रखने के लिए मजबूर कर दिया। जब मजदूरी उपरी तल पर काम कर रहे थे उसी वक्त बारिश होने लगी। बारिश से बचने के लिए वो सबसे निचले तल पर चल गए जहां पानी भरने के बाद पूरा इमारत धराशायी हो गया।
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Source : News Nation Bureau