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बिना अध्‍यक्ष के चल रही कांग्रेस में ताकतवर बनकर उभरे संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल

दिल्‍ली में लोधी रोड पर केसी वेणुगोपाल प्रियंका गांधी के पड़ोसी हैं. लोकसभा में उनकी सीट राहुल गांधी के नजदीक है. अब इतने महत्वपूर्ण लोगों से नजदीकी होने के बाद स्‍वाभाविक है कि उनका राजनीतिक कद बढ़ेगा ही.

Updated on: 30 Jul 2019, 03:02 PM

highlights

  • राहुल गांधी के इस्‍तीफा देने के बाद पार्टी में बढ़ा रुतबा
  • केरल से आते हैं केसी, जहां पार्टी ने किया शानदार प्रदर्शन
  • दिल्‍ली में प्रियंका गांधी के पड़ोसी हैं केसी वेणुगोपाल

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि कांग्रेस कार्यसमिति ने उनका इस्‍तीफा ठुकरा दिया था और अध्‍यक्ष पद पर बरकरार रहने को कहा था. दूसरी ओर राहुल गांधी कांग्रेस कार्यसमिति के आग्रह को ठुकराते हुए अध्‍यक्ष पद पर पदासीन न रहने की जिद पर अड़े रहे. इस्‍तीफा देने के एक माह बाद राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर कहा भी था कि अब मैं अध्‍यक्ष नहीं हूं और कांग्रेस कार्यसमिति को जल्‍द ही अध्‍यक्ष पद का चुनाव करना चाहिए. हालांकि अब तक कांग्रेस कार्यसमिति ने नए अध्‍यक्ष पद के लिए किसी तरह की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाई है, लेकिन इस बीच कांग्रेस में संगठन महासचिव की भूमिका निभा रहे केसी वेणुगोपाल ताकतवर बनकर उभरे हैं.

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राजस्‍थान में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने संगठन महासचिव की भूमिका निभा रहे अशोक गहलोत को वहां की कमान सौंपी थी. अशोक गहलोत के बदले केसी वेणुगोपाल को संगठन महासचिव की कमान सौंपी गई थी. वह केरल से पार्टी के सांसद हैं. संगठन महासचिव के अलावा वे कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी भी हैं.

दिल्‍ली में लोधी रोड पर केसी वेणुगोपाल प्रियंका गांधी के पड़ोसी हैं. लोकसभा में उनकी सीट राहुल गांधी के नजदीक है. अब इतने महत्वपूर्ण लोगों से नजदीकी होने के बाद स्‍वाभाविक है कि उनका राजनीतिक कद बढ़ेगा ही.

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अभी कांग्रेस में कोई अध्यक्ष नहीं है. संगठन महासचिव की हैसियत से वेणुगोपाल ही नीतिगत फैसले ले रहे हैं. हो सकता है कि फैसले लेते वक्‍त वे गांधी परिवार से संपर्क करते हों या मार्गदर्शन लेते हों, लेकिन फैसला तो वहीं ले रहे हैं. कर्नाटक में संकट के समय राज्‍य के प्रभारी और पार्टी के संगठन महासचिव की हैसियत से उन्‍होंने डीके शिवकुमार को संकटमोचक बनाकर मुंबई भेजा. मुंबई कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से मिलिंद देवड़ा ने इस्‍तीफा दिया तो वेणुगोपाल ने ही एकनाथ गायकवाड़ को वहां का अध्‍यक्ष बनाया और सभी नेताओं के साथ समन्‍वय स्‍थापित करने पर बल दिया. हालांकि ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, कमलनाथ, रिपुन बोरा आदि के इस्‍तीफे पर अभी कोई फैसला नहीं हो पा रहा है.

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अध्‍यक्ष पद के लिए भी चल रहा नाम, पर...
केसी वेणुगोपाल का नाम कांग्रेस के अध्‍यक्ष पद के लिए भी चल रहा है. गांधी परिवार के सबसे करीबी होने के नाते रेस में वे सबसे आगे हैं, लेकिन उनकी राह में एक ही बाधा आ रही है- हिन्‍दी पट्टी से उनका न होना. अगर वेणुगोपाल अध्‍यक्ष बनते हैं तो नरसिम्‍हा राव के बाद हिन्‍दी पट्टी से संपर्क न रखने वाले वे दूसरे नेता होंगे. वे मनमोहन सिंह की सरकार में वे केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस की दूसरी पीढ़ी के तेजतर्रार नेताओं में उन्‍हें शुमार किया जाता है. उनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि राहुल गांधी समेत पूरा गांधी परिवार उन पर बहुत भरोसा करता है.

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दक्षिण में पैठ बनाने को पार्टी कर सकती है प्रयोग
केसी वेणुगोपाल दक्षिण भारतीय राज्य केरल से हैं. लोकसभा चुनावों में पूरे देश में मिली करारी हार के बाद भी केरल में पार्टी का शानदार प्रदर्शन रहा है. पार्टी का एक खेमा मानता है कि उत्तर भारत में बीजेपी बहुत मजबूत है, लेकिन दक्षिण भारत में उसकी पैठ नहीं बन पा रही है. ऐसे में कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत में पैठ बनाने का अच्‍छा मौका है. इस बारे में पार्टी सोचती है तो केसी वेणुगोपाल के अध्यक्ष बनने की संभावनाएं बढ़ेंगी.