सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हथियारों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि ये खतरा आतंकियों से अधिक है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि डीआरडीओ के इस दिशा में काम करना चाहिये और ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिये ताकि ऐसे हथियारों से निपटा जा सके।
रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाला डीआरडीओ देश की रक्षा तकनीकी के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था है। इसने सेना के लिये कई स्टेट ऑफ आर्ट हथियार विकसित किये हैं।
केमिकल हथियारों के आतंकियों के हाथों में जाने के खतरे को देखते हुए सेना चाहती है कि डीआरडीओ इस दिशा में काम करे।
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Source : News Nation Bureau