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हिंदी उपन्यास को पहली बार बुकर पुरस्कार, गीतांजलि श्री की 'रेत समाधि' बनी विजेता

International Booker Prize 2022 Winner: अवार्ड की विनर हिंदी लेखिका ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि

Updated on: 27 May 2022, 08:26 AM

highlights

  • गीतांजलि 64 साल की हैं और दिल्ली में रहती हैं
  • लेखिका उत्तरप्रदेश के मैनपुरी से तालुक्क रखती हैं
  • विश्व की 13 नोवल में 'टॉम्ब ऑफ सैंड' थी शामिल

नई दिल्ली:

International Booker Prize 2022 Winner: भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री ने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 जीत लिया है. वह यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका बनी हैं. गीतांजलि श्री को उनके नोवल 'टॉम्ब ऑफ सैंड' के लिए सम्मानित किया गया है. अवार्ड की विनर हिंदी लेखिका ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि "मैंने कभी बुकर का सपना नहीं देखा था, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अवार्ड जीत सकती हूं". बता दें भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री की नोवल 'टॉम्ब ऑफ सैंड' को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए विश्व की 13 पुस्तकों में लिस्ट किया गया था. जिसके बाद गीतांजलि श्री ने ये अवार्ड अपने नाम किया.

इमेज साभारः सोशल मीडिया

इस नोवल का ऑरिजनल वर्जन हिंदी में 'रेत समाधि' के नाम से प्रकाशित हुआ था. इसका इंग्लिश अनुवाद डेजी रॉकवेल ने 'टॉम्ब ऑफ सैंड' के नाम से किया है. जूरी के मेंमबर्स ने नोवल को शानदार बताया.

जानें कौन हैं गीतांजलि श्री

देश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन करने वाली गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से तालुक्क रखती हैं. लेखिका ने तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह को लिखा है. यही नहीं गीतांजलि श्री की हिंदी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है.

वर्तमान में 64 वर्ष की लेखिका राजधानी दिल्ली में रहती हैं. 'टॉम्ब ऑफ सैंड' की लेखिका गीतांजलि श्री की नोवल की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक अमेरिकी पेंटर और लेखिका हैं. जिन्होंने ना सिर्फ हिंदी नोवल का अनुवाद किया है बल्कि वे उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद कर चुकी हैं.