जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का अंतिम संस्कार उनके परिवार की मर्जी के मुताबिक ही किया जाना चाहिए था।
गिलानी (92) का बुधवार रात निधन हो गया था।
मुफ्ती ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि परिवार के सदस्यों को अपनी इच्छा के अनुसार मृतक का अंतिम संस्कार करने का अधिकार है, जिसकी गिलानी के मामले में अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने कहा, मैंने सुना है कि उनकी मौत के बाद परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की गई और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। मुझे लगता है कि यह इस देश की संस्कृति के खिलाफ है।
मुफ्ती ने कहा, लोकतंत्र में हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। यदि आप किसी के विचारों से सहमत नहीं हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप उनकी मृत्यु के बाद उनकी विचारधारा का बदला लेंगे।
उन्होंने कहा कि लोगों ने उनकी मौत के बाद स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद कर दीं, हालांकि उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर वे अपनी दुकानें बंद करते हैं तो उनकी पानी और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
मुफ्ती ने कहा, यह लोगों की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी, क्योंकि वे दुखी थे।
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Source : IANS