New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/06/10/64-chidambaram.jpg)
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम (फोटो: IANS)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम (फोटो: IANS)
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विकास की रट लगाई जा रही है और देश में विकास का हाल यह है कि दो साल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर 8.2 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी हो गई।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के चार साल के कार्यकाल में जीडीपी दर सुस्त रही और बैंकों के फंसे हुए कर्ज (एनपीए) 2,63,015 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,30,000 करोड़ रुपये हो गए और बैंकिंग प्रणाली दिवालिया हो गई।
उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद जीडीपी में गिरावट के बारे में उन्होंने जो अनुमान जाहिर किया था वही हुआ।
चिदंबरम ने एक के बाद एक ट्वीट के जरिए कहा, 'केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी किए गए आर्थिक आंकड़ों के बाद मीडिया में सिर्फ एक ही आंकड़ा 7.7 फीसदी आया।'
उन्होंने कहा, 'यह वित्तवर्ष 2017-18 का जीडीपी वृद्धि दर के रूप में निस्संदेह आकर्षक था, मगर वास्तव में यह चौथी तिमाही का आंकड़ा था, जबकि पूरे साल की जीडीपी वृद्धि दर सुस्ती के साथ 6.7 फीसदी रही।'
चिदंबरम ने तंज कसा, 'चार साल के अंत में सरकार वाकई साफ नीयत, सही विकास की राह पर चल पड़ी है।'
उन्होंने कहा कि साख वृद्धि में भी भारी गिरावट आई है और यह 2017-18 में सुधार से पहले 13.8 फीसदी से घटकर 5.4 फीसदी हो गई। पिछले चार साल में सालना साख वृद्धि दर 5.6, 2.7, 1.9 और 0.7 फीसदी रही।
और पढ़ें: एसबीआई को 40 हजार करोड़ फंसे कर्ज की वसूली की उम्मीद
Source : IANS