चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में आई तेजी से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यह जानकारी शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से मिली। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की ओर से आधार वर्ष 2011-12 की कीमत स्तर पर जारी जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में देश की आर्थिक विकास दर 8.2 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी दर्ज की गई। बीते वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.6 फीसदी दर्ज की गई।
सांख्यिकी व कार्य कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के मुकाबले चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में सात फीसदी से ज्यादा विकास दर दर्ज करने वाले विनिर्माण क्षेत्रों बिजली, गैस, जलापूर्ति व युटिलिटी सेवाएं, निर्माण व लोक प्रशासन, प्रतिरक्षा व अन्य सेवाएं शामिल हैं।
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कृषि, वन मछली पालन जैसे प्राथमिक क्षेत्र की आर्थिक विकास दर (सकल मूल्य वर्धित)2018-198 की पहली तिमाही में 5.3 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तीन फीसदी थी।
वहीं विनिर्माण क्षेत्र की आर्थिक विकास दर बीती तिमाही में 13.5 फीसदी दर्ज की गई जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में ऋणात्मक अंकों में 1.8 फीसदी थी।
2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर 2018-19 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 33.74 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले साल की पहली तिमाही में 31.18 लाख करोड़ रुपये थी। इस तरह 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट दर्ज हुई है।
बता दें कि वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वसेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 और 2019 में भारत की आर्थिक विकास दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन इस अनुमान से ज्यादा जीडीपी ने ग्रोथ किया है। मोदी सरकार के चार साल के ज्यादा कार्यकाल में पहली बार जीडीपी इस स्तर पर पहुंची है।
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(IANS इनपुट के साथ)
Source : News Nation Bureau