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शिक्षक घोटाला : अदालत ने सीबीआई को तृणमूल विधायक की आवाज का नमूना लेने की सशर्त मंजूरी दी

शिक्षक घोटाला : अदालत ने सीबीआई को तृणमूल विधायक की आवाज का नमूना लेने की सशर्त मंजूरी दी

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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सीबीआई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी को तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा की आवाज का नमूना लेने की सशर्त मंजूरी दे दी, जिन्हें पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई को साहा की आवाज का नमूना एकत्र करने की अनुमति देते हुए अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को किसी भी स्वतंत्र गवाह के सामने और आरोपी पर दबाव डाले बिना ऐसा करने का निर्देश दिया।

अदालत ने मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान से तृणमूल विधायक की सीबीआई हिरासत भी 30 अप्रैल तक बढ़ा दी।

साहा को मंगलवार को अदालत में पेश किए जाने के बाद सीबीआई के वकील ने कहा कि साहा के दो मोबाइल फोन से कई ऑडियो क्लिप बरामद किए गए हैं और केंद्रीय एजेंसी अब उनकी आवाज के नमूने से उनका मिलान करना चाहती है।

सीबीआई के वकील ने तर्क दिया, जांच अधिकारियों का मानना है कि इन ऑडियो क्लिप से उन्हें भर्ती घोटाले में विधायक की संलिप्तता से संबंधित महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। इस उद्देश्य से आगे की पूछताछ और उनकी आवाज के नमूने के संग्रह के लिए उनकी सीबीआई हिरासत बढ़ाने की जरूरत है।

पिछले सप्ताह जब सीबीआई साहा के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही थी, उस समय उन्होंने अपने दोनों सेलफोन अपने घर के बगल के एक तालाब में फेंक दिए थे। सीबीआई ने काफी कोशिशों के बाद फोन बरामद किए और गैजेट्स को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए भेज दिया गया।

मंगलवार को साहा के वकील ने उनके मुवक्किल की सीबीआई हिरासत बढ़ाने के बजाय न्यायिक हिरासत में स्थानांतरित करने की याचिका भी दायर की। उन्होंने तर्क दिया कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते उनके मुवक्किल को सार्वजनिक छवि का नुकसान हो रहा है।

हालांकि, न्यायाधीश ने उनके तर्क को खारिज कर दिया और साहा की सीबीआई हिरासत 30 अप्रैल तक बढ़ा दी।

एक अन्य गिरफ्तार और निष्कासित युवा तृणमूल नेता कुंतल घोष से पूछताछ के दौरान केंद्रीय एजेंसी कौशिक घोष नामक एक स्थानीय एजेंट के संपर्क में आई।

सूत्रों ने कहा कि कौशिक घोष मुख्य रूप से मुर्शिदाबाद जिले में एक एजेंट के रूप में काम करते थे और उनका काम सरकारी स्कूलों में नियुक्ति पाने के लिए मोटी रकम देने के इच्छुक उम्मीदवारों की व्यवस्था करना था।

घोष से ही सीबीआई को साहा के घोटाले में शामिल होने का पता चला था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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