केंद्र ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के 15 न्यायाधीशों के स्थानांतरण को अधिसूचित किया।
न्याय विभाग ने कहा कि भारत के संविधान के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारत के राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से उच्च न्यायालयों के इन न्यायाधीशों को स्थानांतरित कर दिया है : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश जसवंत सिंह को उड़ीसा हाईकोर्ट, जस्टिस सबीना को राजस्थान हाईकोर्ट से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को उड़ीसा हाईकोर्ट से उत्तराखंड उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राजस्थान हाईकोर्ट, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को पटना हाईकोर्ट से आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां को बॉम्बे हाईकोर्ट से तेलंगाना हाईकोर्ट, गुजरात हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति परेश आर. उपाध्याय को मद्रास हाईकोर्ट, न्यायमूर्ति एम.एस.एस. रामचंद्र राव को तेलंगाना हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा को उड़ीसा हाईकोर्ट, न्यायमूर्ति ए.एम. बदर को केरल हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट, जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट, जस्टिस विवेक अग्रवाल को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जस्टिस चंद्रधारी सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट, न्यायमूर्ति अनूप चितकारा को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और जस्टिस रवि नाथ तिलहरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना ने 2 अक्टूबर को कहा था कि शीर्ष अदालत का कॉलेजियम, जो उनकी अध्यक्षता में है, विभिन्न उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने का लक्ष्य बना रहा है और इस गति में कटौती नहीं करना चाहता है। पूरी प्रक्रिया न्याय तक पहुंच को सक्षम करने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र के समर्थन की मांग करती है।
नालसा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कानून मंत्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति में न्यायमूर्ति रमना ने कहा था : मई के बाद से, मेरी टीम ने अब तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में 106 न्यायाधीशों और 9 नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की है। सरकार ने अब तक 106 न्यायाधीशों में 7 और 9 मुख्य न्यायाधीशों में से 1 के नाम को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि कानून मंत्री ने बताया कि बाकी नामों को एक या दो दिनों के भीतर मंजूरी दे दी जाएगी।
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Source : IANS