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साइबराबाद पुलिस ने पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का किया भंडाफोड़

साइबराबाद पुलिस ने पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का किया भंडाफोड़

Updated on: 07 Oct 2021, 06:05 PM

वेदराबाद:

साइबराबाद पुलिस ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पंप ऑपरेटरों और कर्मचारियोंकी मिलीभगत से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कई पेट्रोल पंपों पर अनियमितताओं में लिप्त एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है और आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मालिक/ पेट्रोल पंपों के पट्टेदार शामिल हैं।

साइबराबाद पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस टीम (एसओटी) ने चिप्स की स्थापना का पता लगाया, जो कि विभिन्न पेट्रोल पंप पर ईंधन भरने वाली मशीनों में हेरफेर किए गए सॉ़फ्टवेयर के साथ प्रोग्राम किए गए थे और वास्तविक प्रदर्शन की तुलना में कम ईंधन वितरित करके उपभोक्ताओं को भारी नुकसान पहुंचाते थे।

पुलिस उपायुक्त, बालानगर जोन, साइबराबाद पी.वी. पद्मजा ने आठ आरोपियों की गिरफ्तारी की घोषणा की, जिन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 265 (झूठे वजन या माप का धोखाधड़ी का उपयोग) और 266 (झूठे वजन या माप के कब्जे में होना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

गिरफ्तारियां जीदीमेटला, मेडचल, मैलारदेवपल्ली, जवाहर नगर और मेडिपल्ली पुलिस थानों में दर्ज मामलों के सिलसिले में की गईं। कामारेड्डी, खम्मम, वानापर्थी, महबूबनगर, नेल्लोर, सूर्यपेट, सिद्दीपेट और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के अन्य विभिन्न स्थानों पर 28 पेट्रोल बंक पर भी अनियमितताएं की गईं।

आरोपियों में मैकेनिक फैजुल बारी, कुराडे संदीप, एम. असलम और कालीमेरा नरसिंगा राव शामिल हैं।

वंदयाला वामशीधर रेड्डी, हकीमपेट में एक पेट्रोल पंप पर सहायक प्रबंधक, रंगू रमेश, आईओसी हरि हर बंक, पुदुर, मेडचल में प्रबंधक, बीरावेली महेश्वर राव, जीएमआर फिलिंग स्टेशन, मैलारदेवपल्ली में पर्यवेक्षक और नागंदला वेंकटेश, जिन्होंने पट्टे पर दो पंप (जेदिमपेटला में आईओसी लक्ष्मी गणेश और शमशाबाद में आईओसी मौला सर्विस) लिए थे। उनको भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के मुताबिक फैजुल बारी, संदीप, असलम और नरसिंगा राव पहले पेट्रोल पंप मैकेनिक के तौर पर काम कर चुके हैं। दो आरोपी 2014 में कुकटपल्ली थाने के पेट्रोल पंप धोखाधड़ी मामले में शामिल थे।

वे ईंधन वितरण मशीनों में हेरफेर किए गए चिप्स की स्थापना में विशेषज्ञ बन गए, जो बोर्ड/मीटर पर वास्तविक प्रदर्शन की तुलना में कम पेट्रोल देते हैं।

पहले तीन आरोपियों ने गुजरात के जयेश से सभी निर्माण कंपनियों के हेरफेर किए गए सॉफ्टवेयर खरीदे और चिप्स की प्रोग्रामिंग शुरू कर दी और चौथे ने उसी चिप को कोलनपाका पेट्रोल पंप पर कॉपी किया और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न पेट्रोल पंपों में भी इसे स्थापित करना जारी रखा। पेट्रोल पंप मालिकों से प्रत्येक प्रोग्राम किए गए चिप इंस्टॉलेशन के लिए 1,00,000 रुपये से 2,00,000 रुपये की दर से लेते थे।

जब्त की गई संपत्ति में 6 दोपहिया वाहन, तीन मदर बोर्ड, दो लैपटॉप, नौ सेल फोन, एक यूनिवर्सल प्रोग्रामर, एक प्रोग्राम एडॉप्टर और कई अन्य घटक शामिल हैं, जिनका उपयोग मीटर भरने में हेरफेर के लिए किया जाता है।

ऑपरेशन को डीसीपी, एसओटी साइबराबाद, जी संदीप की देखरेख में अंजाम दिया गया।

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