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बीफ का विरोध करने वाले बकरी का मांस खाना छोड़ें, गांधी मानते थे मां: बोस

बोस ने कहा कि अगर आप किसी को बीफ खाने की वजह से पीट रहे हो तो आपको बकरी का मांस खाना भी छोड़ देना चाहिए क्योंकि गांधी जी बकरी का दूध पीते थे। और अगर आप बकरी का दूध पीते हो तो फिर उसके साथ भी माता वाला व्यवहार रखिए।

Updated on: 28 Jul 2018, 12:51 PM

नई दिल्ली:

गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा पीट पीट कर हत्या किए जाने को लेकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परपोते और बीजेपी नेता चंद्र कुमार बोस ने ट्वीटर पर दिए बयान को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि धर्म को राजनीति से जोड़ना ठीक नहीं।

बोस ने कहा कि अगर आप किसी को बीफ खाने की वजह से पीट रहे हो तो आपको बकरी का मांस खाना भी छोड़ देना चाहिए क्योंकि गांधी बकरी का दूध पीते थे। और अगर आप बकरी का दूध पीते हो तो फिर उसके साथ भी माता वाला व्यवहार रखिए।

ट्विटर पर लिखे अपने बयान को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, 'लोगों को मेरे ट्वीट की गुढ़ता समझनी होगी। देश में गोरक्षा के नाम पर जिस तरह हिंसा हो रही है उससे पूरा देश स्तब्ध है।'

बता दें कि चंद्र कुमार बोस ने देश में गोरक्षा के नाम पर जारी हिंसा के ख़िलाफ़ ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'हिंदू धर्म को संरक्षित करने वाले गांधी ने बकरी को मां की तरह माना क्योंकि वो उसका दूध पीते थे। हिंदूओं को भी बकरी का मांस खाना छोड़ देना चाहिए।'

बता दें कि 20 जुलाई को राजस्थान के अलवर में अकबर उर्फ रकबर की भीड़ ने कथित रुप से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इससे पहले अप्रैल 2017 को अलवर में ही पहली ख़ान के साथ भी कुछ ऐसा ही हादसा हुआ था।

इतना ही नहीं यूपी के हापुड़ में भी जून महीने में गोतस्करी के शक में भीड़ ने 45 साल के एक किसान क़ासिम की हत्या कर दी थी। इस घटना के तीन दिन बाद ही एक 65 साल के बुज़ुर्ग को भीड़ ने पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी भीड़ द्वारा हत्या को भयानक कृत्य बताते हुए केंद्र सरकार से क़ानून बनाने की बात कही थी।  

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