गगनयान : इसरो (ISRO) चीफ के सिवन ने कहा- दिसंबर 2021 तक मानव मिशन का लक्ष्य

इसरो प्रमुख के सिवन ने शुक्रवार को बताया, गगनयान के लिए शुरुआती ट्रेनिंग भारत में ही होगी और आगे की ट्रेनिंग रूस में होगी.

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Sunil Mishra
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गगनयान : इसरो (ISRO) चीफ के सिवन ने कहा- दिसंबर 2021 तक मानव मिशन का लक्ष्य

प्रतीकात्मक तस्वीर

इसरो (ISRO) प्रमुख के सिवन ने शुक्रवार को बताया, गगनयान (Gaganyaan) के लिए शुरुआती ट्रेनिंग भारत में ही होगी और आगे की ट्रेनिंग रूस (Russia) में होगी. टीम में महिला अंतरिक्ष यात्री भी भाग लेंगी, यही हमारा लक्ष्य है. उन्‍होंने कहा, दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 तक अंतरिक्ष (Space) के लिए एक मिशन भेजा जाएगा. दिसंबर 2021 तक मानव सहित अंतरिक्ष यान (Space craft) भेजे जाने का लक्ष्य है. इसके अलावा इसरो (ISRO) मिशन गगनयान (Mission Gaganyaan) के लिए मानव अंतरिक्ष सेंटर स्‍थापित कर रहा है. डा उन्‍नी कृष्‍णन (Unni Krishnan) इस सेंटर के निदेशक होंगे और मिस्‍टर हुडा मिशन गगनयान के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर (Project Director) होंगे. माना जा रहा है कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) मार्च 23 से अप्रैल के अंत तक लांच किया जा सकता है.

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बता दें कि गगनयान (Gaganyaan Mission) भारत का मानवयुक्त अंतरिक्ष यान (Manned Spacecraft mission) है. गगनयान तीन लोगों को अंतरिक्ष ले जाने में सक्षम है. भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया गगनयान उन्नत संस्करण के डॉकिंग क्षमता से लैस है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और इसरो (Hindustan Aeronautics Limited and Indian Space Research Organisation) द्वारा बनाए गए इस अंतरिक्ष यान का वजन 3.7 टन है. गगनयान ने 18 दिसंबर 2014 को पहली बार मानवरहित प्रायोगिक उड़ान भरी थी.

आइए जानते हैं गगनयान (Gaganyaan Mission) की 10 खास बातें-

  • साल 2006 में गगनयान पर योजना शुरू की गई थी.
  • यह अंतरिक्ष में एक सप्ताह तक गुजार सकता है.
  • गगनयान को फाइनल डिजाइन देने में मार्च 2008 तक का समय लग गया.
  • जिसके बाद इसके वित्त पोषण के लिए भारत सरकार के सामने पेश किया गया था.
  • गगनयान के निर्माता HAL और ISRO ने इसका डिजाइन स्पेस कैप्सूल रिकवरी प्रयोग के डिजाइन को धयान में रखकर बनाया था.
  • गगनयान का कुल वजन 3.7 टन है.
  • लॉन्चिंग के साथ गगनयान का वजन करीब 7.8 टन है.
  • यह अधिकतम 3 लोगों को लेकर अंतरिक्ष में जा सकता है.
  • वैज्ञानिकों ने गगनयान को जीवन नियंत्रण और पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली के तहत बनाया है.
  • गगनयान की ऊंचाई 2.70 मीटर है.

Source : News Nation Bureau

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