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गडकरी के मंत्रालय ने टारगेट से ज्यादा सड़क निर्माण का बनाया रिकॉर्ड

नितिन गडकरी के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य से 1,205 किमी अधिक का सड़क निर्माण किया है. चालू वित्त वर्ष 2020-21 में 12,205.25 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण को मंत्रालय ने मील का पत्थर बताया है.

Updated on: 23 Mar 2021, 05:30 AM

highlights

  • नितिन गडकरी ने बनाया सड़क निर्माण का रिकॉर्ड
  • लोकसभा में वाहन स्क्रैपिंग नीति का ऐलान
  • प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सडकों से हटाने का ऐलान

नई दिल्ली:

देश में सड़कों के निर्माण के पिछले आंकड़े लगातार टूट रहे हैं. नितिन गडकरी के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य से 1,205 किमी अधिक का सड़क निर्माण किया है. चालू वित्त वर्ष 2020-21 में 12,205.25 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण को मंत्रालय ने मील का पत्थर बताया है. ये आंकड़ें 22 मार्च, 2021 तक के हैं. इस दौरान प्रति दिन 34 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया है. खास बात है कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की मौजूदा दर, साल 2014-15 में लगभग 12 किमी प्रतिदिन की तुलना तीन गुना ज्यादा है. यह चालू वित्त वर्ष के लिए तय लक्ष्य 11,000 किमी से 1,205 किमी अधिक है.

यह उपलब्धि इसलिए भी अहम है, क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से वित्त वर्ष के पहले कुछ महीनों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लग गया था. इस दौरान निर्माण गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं. इस साल एक मार्च को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने निर्धारित समय से एक महीने पहले 11,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की थी. मंत्रालय ने पिछले कुछ वर्षों में देश में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति बढ़ाने के लिए कई अहम पहल की हैं.

आपको बता दें कि इसके पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Road Transport and Highways Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने लोकसभा में वाहन स्क्रैपिंग नीति का ऐलान किया है. नितिन गडकरी ने कहा कि नए और फिट वाहनों की तुलना में पुराने वाहन पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण, वाहन में सवार लोगों और पैदल चलने वालों के हित को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वीवीएमपी) यानि वाहन नष्ट करने की नीति शुरू कर रहा है, जिसका उद्देश्य बेकार (कबाड़ हो चुके) और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सडकों से हटाने के लिए एक पारिस्थितिकी तन्त्र तैयार करना है.

इस नीति का उद्देश्य पुराने और कबाड़ हो चुके वाहनों की संख्या कम करना, पर्यावरण में सुधार लाने के भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को घटाना, सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना, बेहतर ईंधन क्षमता प्राप्त करना, इस समय वाहनों को नष्ट करने के लिए असंगठित रूप से चल रहे उद्योगों को औपचारिक मान्यता देना और वाहन निर्माण, इस्पात एवं इलेक्ट्रोनिक उद्योग के लिए कम लागत पर कच्चा माल उपलब्ध कराना है.