जी. किशन रेड्डी सदन में बोले- नशे में सड़क हादसे के मामलों में आई कमी, हर साल डेढ़ लाख लोग होते हैं शिकार
गृह राज्य मंत्री जी किशनरेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में लगभग डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में हर साल मारे जाते हैं.
संसद:
केन्द्र सरकार ने सख्त प्रावधानों वाले संशोधित मोटर वाहन कानून को प्रभावी बताते हुये कहा है कि नशे की हालत में वाहन चलाने के कारण होने वाले सड़क हादसों की संख्या में पिछले तीन सालों में कमी आयी है. गृह राज्य मंत्री जी किशनरेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में लगभग डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में हर साल मारे जाते हैं.
इनमें नशे की हालत में वाहन चलाने के कारण होने वाले सड़क हादसों में मारे गये लोगों का प्रतिशत 2.5 से 3.0 तक है. उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए कुल लोगों में, नशे के कारण होने वाले सड़क हादसे में जान गंवाने वालों का प्रतिशत 2016 में 3.1 फीसदी, 2017 में तीन फीसदी और 2018 में 2.5 फीसद था. रेड्डी ने बताया कि मोटर यान कानून 1988 की धारा 185 के तहत शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना और छह महीने तक की जेल अथवा दोनों की सजा का प्रावधान है.
एक से अधिक बार शराब पीकर वाहन चलाते पकड़े जाने पर दो साल तक जेल की सजा और 15 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों की सजा का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से मोटर यान कानून में संशोधन के अनुरूप भारतीय दंड संहिता और अपराध प्रक्रिया संहिता में नशे की हालत में वाहन चलाने संबंधी प्रावधानों में संशोधन कर इन्हें लागू करने का अनुरोध किया है.
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