जी. किशन रेड्डी बोले- अनुच्छेद 370 हटने के बाद 765 पत्थरबाज गिरफ्तार, 361 रिपोर्ट दर्ज
रेड्डी ने बताया कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से 15 नवंबर तक पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था प्रभावित करने के मामले में 190 केस दर्ज किए गए हैं
नई दिल्ली:
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सत्र के दूसरे दिन संसद में कई मुद्दे छाए रहे. दूसरे दिन जलियांवाला बाग संसोधन विधेयक पास हो गया. वहीं बहस के दौरान काफी शोर होने लगा. जिसके बाद संसद को बुधवार तक स्थगित कर दिया गया है. वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सदन में कई जानकारी दी. केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पत्थरबाजी में काफी कमी आई है. सरकार ने बताया कि अब तक 765 पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने यह जानकारी दी है.
MoS MHA G Kishan Reddy on 'the number of incidents of exchange of fire that took place across LoC since Aug 5, 2019', in LS: 950 incidents of ceasefire violations along Line of Control from across the border in Jammu&Kashmir were reported during August 2019 to Oct 2019.(file pic) pic.twitter.com/wnX5xVxi9P
— ANI (@ANI) November 19, 2019
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रेड्डी ने बताया कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से 15 नवंबर तक पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था प्रभावित करने के मामले में 190 केस दर्ज किए गए हैं. इससे पहले 1 जनवरी 2019 से लेकर 4 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर में ऐसे 361 केस दर्ज किए गए थे. रेड्डी के बताया कि जो लोग घाटी में उपद्रव मचाते हैं उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. जनता की सुरक्षा के लिए अलगाववादियों को भी हिरासत में लिया गया है. रेड्डी ने बताया कि हुर्रियत से जुड़े कई अलगाववादी नेता घाटी में पत्थरबाजी से जुड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं. एनआईए ने ऐसे 18 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए हैं. वहीं पिछले 6 महीने में घाटी में 34 लाख 10 हजार 219 पर्यटक आए, जिनमें 12 हजार 934 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
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वहीं संसद ने मंगलवार को जलियांवाला बाग ट्रस्ट से संबंधित उस विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें ट्रस्ट के न्यासियों में से कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को हटाने और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को न्यासी बनाने का प्रावधान किया गया है. राज्यसभा में राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 पर हुई चर्चा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने न्यासियों में से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम हटाने जाने के प्रावधान को लेकर सरकार पर निशाना साधा. विधेयक पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसने कभी भी ट्रस्ट के कामकाज को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी.
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उन्होंने कहा कि 1951 में ट्रस्ट की स्थापना के समय जवाहरलाल नेहरू, सैफुद्दीन किचलू और मौलाना आजाद इसके स्थाई न्यासी थे और उनके निधन के कई साल बाद भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकारों ने स्थाई न्यासियों के पद भरने का प्रयास नहीं किया. उनकी चर्चा के बाद उच्च सदन ने ध्वनिमत से राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है. पटेल ने कहा कि सरकार द्वारा नामित सदस्यों में शहीदों के परिजनों को भी शामिल करने के उपाय किये जायेंगे. पटेल ने कहा कि कहा कि जलियांवाला बाग एक राष्ट्रीय स्मारक है और हम नहीं चाहते कि इसमें कोई राजनीति हो. कांग्रेस की अनदेखी किये जाने के आरोपों पर पटेल ने कहा कि ट्रस्ट में पंजाब के मुख्यमंत्री, अमृतसर के सांसद, पंजाब के संस्कृति मंत्री, केन्द्र में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को सदस्य रखने की बात की गई है. ऐसे में यह आरोप उचित नहीं है.
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