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जी किशन रेड्डी का कांग्रेस, PDP और NC पर हमला, कहा- केंद्र शासित प्रदेश...

केंद्रीय मंत्री ने तीनों विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए वहां के निवासियों से कहा कि, चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विरोधी दल अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे और लद्दाख से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा वापस लेंगे?

Updated on: 18 Oct 2020, 04:29 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ( G Kishan Reddy) लेह-लद्दाख के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के चीन समर्थन पर हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री ने तीनों विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए वहां के निवासियों से कहा कि, चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विरोधी दल अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे और लद्दाख से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा वापस लेंगे? अब आप ही इस बात का फैसला कीजिए कि आप एक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा चाहते हैं या फिर अनुच्छेद-370?

आपको बता दें कि इसके पहले शनिवार को उन्होंने नबरू वैली का दौरा किया था. जहां एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि लद्दाख में लोगों से वोट मांगने का कांग्रेस को क्या अधिकार है? आखिर कांग्रेस ने बीते 70 सालों में लद्दाख को क्या दिया? हमला जारी रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वहां पर भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति दी. कांग्रेस ने लद्दाख की सौतेली मां की तरह व्यवहार किया, लद्दाख के लिए जो भी पैसा केंद्र ने दिया, उन्होंने उसे लूट लिया.

शनिवार को फारूक अब्दुल्ला पर बोला था हमला
इसके पहले केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला पर हमला बोलते हुए कहा था कि फारूक अब्दुल्ला ने अपने हालिया बयान में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने में चीन की मदद लेने का उल्लेख किया. लेह के लोगों को भी उनके विचारों के बारे में जानना चाहिए. क्या ऐसे लोगों को वोट मांगने का अधिकार है?

बीजेपी ने जीती थीं लेह की 26 में से 18 सीटें
बता दें कि लेह में स्‍वायत हिल काउंसिल का चुनाव होने जा रहा है. जिसमें तमाम पार्टियां जुटी हुई हैं. इसकी के तहत जी किशन रेड्डी ने सभा को संबोधित किया. लेह हिल काउंसिल की 26 सीटों पर चुनाव हो रहा है. वर्ष 2015 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 26 में से 18 सीटें जीतकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था. इससे पहले वर्ष 2010 में कांग्रेस ने लेह में 22 सीटें जीत कर अपनी काउंसिल का गठन किया था.तब बीजेपी को सिर्फ 4 सीटें ही मिली थी.