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देशभर से 1843 आवेदन सेवा भोज योजना के तहत

देशभर से 1843 आवेदन सेवा भोज योजना के तहत

Updated on: 29 Nov 2021, 10:00 PM

नई दिल्ली:

सेवा भोज योजना के तहत संस्कृति मंत्रालय को देशभर से अब तक अब तक कुल 1843 आवेदन प्राप्त हुए जिन धार्मिक संस्थानों को जीएसटी में राहत दी जाएगी।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के संस्कृति, पर्यटन और विकास मंत्रालय की ओर से सोमवार को लोकसभा में सेवा भोज योजना पर सांसद जयंत सिन्हा के सवाल के जवाब में जी. किशन रेड्डी कहा कि सेवा भोज योजना का उद्देश्य परोपकारी धार्मिक संस्थानों का वित्तीय बोझ कम करना है।

एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना जिसे साल 2015 में एक अप्रैल से शुरू किया गया था। जिसके बाद 1 अगस्त, 2018 से गुरुद्वारा, मंदिर, धार्मिक आश्रम, मस्जिद, दरगाह, चर्च जैसे धार्मिक संस्थानों द्वारा भुगतान किए गए।

मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) और केंद्र सरकार के एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) के हिस्से की प्रतिपूर्ति प्रदान करना है। मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, गिरजाघर, धार्मिक संस्थान, मठ, आश्रम आदि जो कम से कम पिछले 3 वर्षों से एक कैलेंडर माह में कम से कम 5000 व्यक्तियों को प्रसाद, लंगर व भंडारा (सामुदायिक रसोई) के रूप में मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं। उनकी विशिष्ट तौर पर खरीद पर कच्चे खाद्य पदार्थ जैसे घी, खाद्य तेल, चीनी, बुर्रा, गुड़, चावल, आटा, मैदा, रवा और दालें।

प्रसाद, लंगर, भंडारा आदि के रूप में मुफ्त भोजन वितरित करने में शामिल धार्मिक स्थानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए व्यापक योजना दिशानिर्देशों के साथ सेवा भोज योजना, संस्कृति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। यह योजना आवेदक संगठनों के लिए वर्ष भर खुली रहती है। आवेदनों की जांच करने और मासिक आधार पर वित्तीय सहायता के लिए पात्र संगठनों को सूचीबद्ध करने के लिए एक तंत्र भी मौजूद है।

सेवा भोज योजना के तहत अब तक कुल 1843 आवेदन प्राप्त हुए हैं। योजना के तहत अब तक प्राप्त, संसाधित और स्वीकार किए गए आवेदन देशभर से प्राप्त हुए हैं। आवेदनों की जांच करने और मासिक आधार पर वित्तीय सहायता के लिए पात्र संगठनों को सूचीबद्ध किया जा रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.