भारतीय तबला वादक संदीप दास को 59वें ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें सिल्क रोड इंसेंबल समूह के साथ बेस्ट ग्लोबल म्यूज़िक के लिए ग्रैमी अवॉर्ड दिया गया। 46 साल के संदीप का जन्म पटना में साल 1971 में हुआ था। बिहार से बोस्टन तक का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा, लेकिन संदीप ने इसे मुमकिन कर दिखाया।
- संदीप दास ने पटना के सेंट जेवियर हाईस्कूल में 1975 से 1985 तक पढ़ाई की। संदीप के पिता को उनके तबला बजाने की प्रतिभा का तब पता चला, जब टीचर ने उनसे शिकायत की। टीचर ने कहा कि संदीप हाथ से डेस्क को थपथपाता रहता है, जिससे पूरी क्लास डिस्टर्ब होती है।
- इसके बाद संदीप के पिता ने बेटे को तबला गिफ्ट में दिया और उन्हें पड़ोस में रहने वाले तबला टीचर के पास भी ले गए, ताकि वो तबला बजाना सीख सकें।
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- संदीप ने आठ साल की उम्र में तबला बजाना शुरू किया और नौ साल की उम्र में वह तबला गुरु पंडित किशन महाराज के पास बनारस पहुंच गए। वह हफ्ते में दो दिन पटना से बनारस जाकर तबला बजाना सीखते थे।
- इसके बाद पिता ने बनारस में ही अपना तबादला करा लिया। संदीप दास ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी साहित्य में गोल्ड मेडल हासिल किया।
- 15 साल की उम्र में संदीप दास ने पंडित रविशंकर के साथ स्टेज पर पहली परफॉर्मेंस दी। बनारस घराने में 11 साल तबला बजाने के बाद वह दिल्ली आ गए।
- संदीप का सफर यहीं पर खत्म नहीं हुआ, उन्होंने विदेशों में भी अपने हुनर को दिखाया। हालांकि, साल 2000 में चीनी मूल के अमेरिकी संगीतकार यो यो मा से जुड़ने के बाद वह पूरी दुनिया में मशहूर हो गए।
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- साल 2003 और 2009 में संदीप को ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया, लेकिन उन्हें अवॉर्ड नहीं मिला। इसके बावजूद उनके हुनर को पूरी दुनिया में सराहना मिलती रही।
- संदीप दास बोस्टन में शिफ्ट हो गए। संदीप की पत्नी तृप्ति और उनकी मुलाकात साल 1995 में रिपब्लिक डे में एनसीसी कैडट के तौर पर हुई थी। इन दोनों की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी साक्षी ओडिशी डांसर हैं और छोटी बेटी सोनाक्षी तबला वादक हैं।
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Source : News Nation Bureau