फ्रेंडशिप डे स्पेशल: बेसहारा नारायण बोस और जूली बंदरिया ने पेश की दोस्ती की नई मिसाल

इस फ्रेंडशिप डे पर हम वाराणसी के एक ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जिसे उसके परिवार ने जब छोड़ दिया तो उसने दोस्ती कर ली बन्दर से।

इस फ्रेंडशिप डे पर हम वाराणसी के एक ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जिसे उसके परिवार ने जब छोड़ दिया तो उसने दोस्ती कर ली बन्दर से।

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Aditi Singh
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फ्रेंडशिप डे स्पेशल: बेसहारा नारायण बोस और जूली बंदरिया ने पेश की दोस्ती की नई मिसाल

रिश्तों में हम अपने जन्म के साथ जुड़ जाते है पर जिंदगी में हम अपने दोस्त खुद बनाते है। इसलिए दोस्त तो कुछ खास ही होते है पर इस फ्रेंड्शिप डे पर हम वाराणसी के एक ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जिसे उसके परिवार ने जब छोड़ दिया तो उसने दोस्ती कर ली बन्दर से।

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परिवारवालों की तरफ से वाराणसी के अस्सी घाट पर बेसहारा छोड़ दिए गए 65 साल के नारायण बोस ने बंदरों संग दोस्ती कर अपने खालीपन को दूर किया। फिलहाल नरायण बोस की दोस्ती जूली नाम की बंदरिया से है। परिवारवालों ने भले ही नारायण बोस से अपना नाता तोड़ लिया हो, लेकिन जूली हर समय उनके साथ रहती है।

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गंगा में साथ नहाने से लेकर खाना खाने तक दोनों साथ ही रहते है। नारायण बताते है कि अगर वो न रहे तो उनका ये दोस्त भी घबरा जाता है इसलिए वो हमेशा इसे अपने साथ रखते है। नारायण के कंधे पर बैठकर जूली उन्हीं के साथ खेलती रहती है।

दोनों की दोस्ती की अनोखी मिशाल आस - पास के लोग भी देते है। उनका कहना है कि इंसान और बन्दर की ये अनोखी दोस्ती उन्होंने पहले कभी नहीं देखि और ये सब वो पिछले 13 साल से देख रहे बन्दर अगर मर भी जाते है तो इनके पास दूसरा बन्दर आ जाता है।

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Source : Sushant Mukherjee

Friendship day special
      
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