मणिपुर विधानसभा चुनावों में पार्टी की ऐतिहासिक जीत के लिए भाजपा द्वारा सूचीबद्ध कारणों में राज्य को बंद और नाकाबंदी से मुक्त करना शामिल है, जिसके परिणाम गुरुवार को घोषित किए गए।
भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता बरकरार रखी है।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आईएएनएस से कहा, मणिपुर के लोगों ने बंद, नाकाबंदी, व्यवधान और उग्रवाद के खिलाफ मतदान किया। लोग समझ गए हैं कि बंद और नाकाबंदी संस्कृति के पीछे कौन थे, इसलिए उन्होंने मणिपुर को शांतिपूर्ण और सभी बाधाओं से मुक्त बनाने के लिए भाजपा को वोट दिया।
भगवा पार्टी ने मणिपुर में शांति प्रक्रिया शुरू करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी दिया।
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि न केवल मणिपुर में बल्कि अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी राजनीतिक दलों का एक बड़ा गठबंधन है, जो अफस्पा के नाम पर भाजपा के खिलाफ है। लेकिन मणिपुर में भाजपा का कांग्रेस को पूरी तरह से उखाड़ कर अपने दम पर सत्ता में आना यह दर्शाता है कि राष्ट्रवादी ताकत जीत गई है। लोग समझ गए हैं कि कौन व्यवधान को बढ़ावा देता है और कौन वास्तव में शांति चाहता है।
मणिपुर में मुख्य विपक्षी कांग्रेस, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, इस बार केवल पांच सीटों पर ही सिमट कर रह गई।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, कांग्रेस को पूरी तरह से उखाड़ फेंकना, जिसने इन सभी वर्षों में मणिपुर पर अकेले या गठबंधन में शासन किया, भाजपा की सफलता के पीछे एक और कारण है। राज्य में कांग्रेस का पतन अपने आप में एक कहानी है।
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, पहली बार, भाजपा को मणिपुर में अपने दम पर बहुमत मिला है। ब्रांड मोदी ने हमें जनादेश हासिल करने और इतिहास रचने में मदद की है।
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Source : IANS