Advertisment

फ्रांस में उठी Rafale पर जांच की मांग, सीबीआई को दी शिकायत बनी आधार

भारत में सीबीआई को की गई एक शिकायत को आधार बना कर फ्रांस में एक एनजीओ ने राफेल लड़ाकू विमानों पर फ्रांस की सरकार से इस डील पर जांच की मांग की है.

author-image
vinay mishra
एडिट
New Update
फ्रांस में उठी Rafale पर जांच की मांग, सीबीआई को दी शिकायत बनी आधार

demand for investigation on Rafale deal in France

Advertisment

भारत में सीबीआई को की गई एक शिकायत को आधार बना कर फ्रांस में एक एनजीओ ने राफेल लड़ाकू विमानों पर फ्रांस की सरकार से इस डील पर जांच की मांग की है. इस एनजीओ ने फ्रांस के लोक अभियोजक दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई है. इस एनजीओ ने यह जानना चाहा है कि आखिर किन नियम कायदों के जरिए भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों का सौदा हुआ और राफेल जेट निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन की ओर से किस आधार पर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना गया.

कौन सा है एनजीओ
फ्रांस के एनजीओ शेरपा (Sherpa) ने इस मामले में एक प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें उसने बताया है कि उसकी यह शिकायत पूर्व मंत्री और एक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले वकील की ओर से सीबीआई में दायर शिकायत के आधार पर की गई है.

भारत में लग रहे हैं आरोप
भारत में एक पूर्व मंत्री और अधिवक्ता की ओर से राफेल मामले में शिकायत की थी जिसमें पीएम मोदी पर पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से राफेल विमानों का सौदा करने का आरोप लगाया था. फ्रांस के इस एनजीओ ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि यह उम्मीद है कि फ्रांस का राष्ट्रीय लोक अभियोजक कार्यालय तथ्यों की गंभीरता से जांच कर संभावित भ्रष्टाचार और अनुचित फायदे के बारे में पता लगाएगा.

और पढ़ें : इन 6 गलतियों से डूब जाता है आपका बीमा का पैसा, समय रहते सुधार लें

ये है मामला
बता दें कि 36 राफेल विमानों के सौदे को लेकर भारत में इस समय राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस सहित अन्‍य विपक्षी दल मोदी सरकार की ओर से 2016 में फ्रांस के साथ की गई राफेल डील को बड़ा घोटाला बता रहे हैं. हालांकि, दासॉल्ट और भारत सहित फ्रांस की सरकार ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज कर दिया है.

और पढ़ें : दूर हो जाएगी बच्‍चे की नौकरी की टेंशन, 2 हजार रुपए का ये है फॉर्म्‍यूला

क्‍या हैं कांग्रेस का आरोप
राफेल मामले में कांग्रेस का आरोप है कि विमान बनाने के क्षेत्र में बिना किसी अनुभव के ही रिलायंस डिफेंस को 59000 करोड़ की राफेल डील में दसॉल्ट ने ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना है. जबकि कांग्रेस का कहना है कि उसकी पिछली यूपीए सरकार में दसॉल्ट से 126 राफेल विमानों का सौदा हुआ था. इसमें 18 विमान उड़ने की स्थिति में मिलने थे और 108 विमानों का निर्माण भारत में सरकारी कंपनी एचएएल को कराना था. 

Source : News Nation Bureau

Rafale Fighter France NGO Sherpa NGO French government cbi complaint on Rafale
Advertisment
Advertisment
Advertisment