फर्जी डेटाबेस के जरिए फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित बनाकर सरकार के हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे गिरोह को पकड़े जाने के बाद हो रही तफ्तीश में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित आठ लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर कर चुकी है, शनिवार को पुलिस ने चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है, जो इस गिरोह को शेल कंपनियों को बनाने के लिए एक्टिवेट सिम मुहैया कराते थे। इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी तरीके से एक्टिवेट मोबाइल फोन के सिम, नोट गिनने की 2 मशीन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुआ है।
थाना सेक्टर 20 पुलिस और टेक्निकल टीम इस पूरे नेक्सेस का खुलासा किया था और मास्टरमाइंड सहित आठ लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लेकर आरोपियों से गहनता से पूछताछ की गई, तो पता चला कि उन्हें राजीव और राहुल नामक 2 लोग फर्जी सिम उपलब्ध करवाते थे। ये जिसकी सहायता से ये लोग फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित बनाकर बिना माल की डिलीवरी किए फर्जी बिल तैयार करके जीएसटी रिफंड लेकर सरकार के राजस्व को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा रहे थे।
एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पुलिस ने आज गौरव, गुरमीत, राजीव तथा राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। इनके जितने बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टीज हैं, उनका पता लगा रहे हैं और जांच हो रही है कि सिम कार्ड कहां से लिए जाते थे।
पुलिस को इन लोगों के पास से भारी मात्रा में फर्जी तरीके से हासिल किए गए मोबाइल फोन के एक्टिव सिम कार्ड, नोट गिनने की 2 मशीन व फर्जी दस्तावेज आदि बरामद हुआ है। एडिशनल डीसीपी बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस के इन लोगों के कुछ बैंक के अकाउंट की जानकारी मिली है, जिसे पुलिस फ्रीज करेगी। अब तक की जांच में जीएसटी नंबर वाली 3200 कंपनियों का पता चला है और 7 लाख से ज्यादा का पैन कार्ड का डाटा मिला है। यह फर्जीवाड़ा कितने का हुआ है, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है।
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Source : IANS