बिहार में शराबबंदी के बाद शराब पर पहरा कड़ा हुआ तब प्रतिबंधित कफ सिरप की मांग बढ़ गई। ऐसे में धंधेबाज अब कफ सिरप की तस्करी करने में जुट गए। इस बीच, पुलिस की सक्रियता से कफ सिरप की बड़ी-बड़ी खेप भी बरामद हो रही हैं।
गोपालगंज जिले में रविवार को उत्पाद विभाग की टीम ने वाहन जांच के दौरान एक ट्रक से 19 हजार 800 प्रतिबंधित कफ सिरप की शीशियां बरामद की हैं।
कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेक पोस्ट पर बरामद की गई सिरप के साथ दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु गांव निवासी दुर्गाराम और बाड़मेर जिले के ही सिंगारी गांव निवासी विक्रम के रूप में की गई है।
इसके पूर्व बलथरी चेकपोस्ट पर ही गुरुवार की शाम एक बस से 19 कार्टन जिसमें 2270 बोतल वीन-एक्स कोडिंग-कंटेनिंग कफ सिरप बरामद की गयी थी। इससे पहले 1 फरवरी को भी एक यात्री बस से 1000 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया गया था।
गोपालगंज के उत्पाद निरीक्षक प्रकाश चंद्र भी मानते हैं कि कफ सिरप की तस्करी बढ़ी है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक नशेबाज अब ज्यादा मात्रा वाले अल्कोहल युक्त कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के लिए कर रहे हैं।
पूर्णिया जिले के बनमनखी थाना क्षेत्र से जनवरी महीने में एक मोटर साइकिल से कफ सिरप की 1097 बोतलें बरामद की गई थीं।
इधर, सहरसा जिले के सौर बाजार थाना क्षेत्र से 13 जनवरी को एक चार पहिया वाहन से 1399 पीस प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतलें बरामद की गई थीं।
एक पुलिस अधिकारी भी कहते हैं कि प्रतिबंधित कफ सिरप के सेवन का युवाओं में प्रचलन बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि शराबबंदी के बाद ज्यादातर युवा नशे के तौर पर कफ सिरप का ही सेवन करने लगे हैं, जिससे वह गंभीर रूप से बीमारी के चपेट में आ जाते हैं और मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है।
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Source : IANS