बिहार में एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो जाने के बाद सीमांचल में राजद का न केवल कद बढ़ा है, बल्कि इसके जरिए वह फिर से अपनी खोई जमीन तलाश करेगी।
एआईएमआईएम के चार विधायकों के एक साथ राजद में शामिल होने के बाद सीमांचल में राजद विधायकों की संख्या एक से बढ़कर अब पांच हो गई है।
एआईएमआईएम के पांच विधायकों में से चार के राजद में जाने को असदुद्दीन औवेसी की पार्टी को तगड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले चुनाव में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी।
चुनाव परिणाम के आंकड़ों पर गौर करें तो इन सभी सीटों में से राजद को नौ और राजग को पांच सीटों पर जीत मिली थी।
इसमें कोई दो राय नहीं कि ओवैसी का सीमांचल में प्रभाव है और वे इस क्षेत्र में आते भी रहे हैं, लेकिन चार विधायकों के पाला बदलकर राजद में शामिल हो जाने के बाद एआईएमआईएम को फिर से जमीन तैयार करना होगा, जो पार्टी के लिए एक चुनौती है।
एआईएमआईएम के प्रदेश प्रमुख और राज्य में पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने कहा है कि उनकी पार्टी के साथ बड़ा धोखा हुआ है।
उन्होंने राजद से अधिक अपने विधायकों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे सीमांचल के लोगों के साथ एआईएमआईएम के विधायकों का धोखा करार दिया है। इमान ने कहा कि पाला बदलने वाले विधायकों ने कोसी-सीमांचल के मजबूर और पीड़ित जनता को धोखा दिया है।
अल्पसंख्यक की बात करने वाले आज अल्पसंख्यक समाज की पार्टी को तोड़ा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले समय में राजद को इसकी कीमत चुकानी होगी, 4 टूटा है तो आगे हमलोग 24 लाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सीमांचल में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिला माने जाते हैं। एआईएमआईएम के कोचाधामन सीट से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से शाहनबाज आलम, बायसी से रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अनजार नईमी राजद में शामिल हुए हैं।
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Source : IANS