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नहीं रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, जानें उनका अबतक का राजनीतिक सफर

पूर्व कें द्रीय मंत्री और बिहार के एक बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया. वो इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती थे. तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उनका निधन हो गया.

Updated on: 13 Sep 2020, 02:15 PM

नई दिल्ली:

पूर्व कें द्रीय मंत्री और बिहार के एक बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया. वो इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती थे. तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उनका निधन हो गया. उन्हें पिछले दिनों कोरोना संक्रमण हुआ था. वो फेफड़े में इंफेक्शन से जूझ रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दो दिन पहले वेंटीलेटर पर रखा गया था.

रघुवंश प्रसाद सिंह करीब एक सप्ताह पहले एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. उन्हें जून के महीने में कोरोना संक्रमण हुआ था जिसके बाद भी उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. तब वो ठीक हो गए थे. वो बिहार के एक बड़े नेता माने जाते थे.

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हाल ही में उन्होंने राजद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने एम्स से ही अपना इस्तीफा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखा था. हालांकि लालू प्रसाद ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था. और कहा था कि वो कहीं नहीं जा रहे.

इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार को भी पत्र लिखा था. कयास लगाए जा रहे थे कि वो जल्द ही जदयू का दामन थामेंगे. रघुवंश प्रसाद का जन्म वैशाली में 6 जून 1946 में हुआ था. वो 74 साल के थे.

रघुवंश प्रसाद का राजनीतिक सफर-

रघुवंश साल 1977 से 1979 तक वो बिहार सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे थे. इसके बाद उन्‍हें लोकदल का अध्‍यक्ष भी बनाया गया था. इसके बाद साल 1985 से 1990 के दौरान रघुवंश प्रसाद लोक लेखांकन समिति के अध्‍यक्ष भी रहे. लोकसभा के सदस्‍य के तौर पर उनका पहला कार्यकाल साल 1996 से शुरू हुआ. साल 1996 के लोकसभा चुनाव में वो निर्वाचित हुए और उन्‍हें बिहार राज्‍य के लिए केंद्रीय पशुपालन और डेयरी उद्योग राज्‍यमंत्री बनाया गया. लोकसभा में दूसरी बार रघुवंश प्रसाद सिंह साल 1998 में निर्वाचित हुए और साल 1999 में तीसरी बार वो लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. साल 2004 में चौथी बार उन्‍हें लोकसभा सदस्‍य के रूप में चुना गया और 23 मई 2004 से 2009 तक वे ग्रामीण विकास के केंद्रीय मंत्री रहे. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने पांचवी बार जीत दर्ज की.

रघुवंश प्रसाद सिंह के मुताबिक UPA-2 में भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला था, लेकिन लालू यादव की दोस्ती की वजह से ही उन्‍होंने मनमोहन सिंह के मंत्री पद के ऑफर को ठुकरा दिया. उसके बाद से आज तक रघुवंश प्रसाद सिंह अपनी दोस्ती के लिए और लालू की खुशी के लिए कई बार समझौता करते रहे.

रघुवंश प्रसाद का पारिवारिक जीवन-

रघुवंश प्रसाद सिंह की पत्नी जानकी देवी भी अब इस दुनिया में नहीं हैं. रघुवंश बाबू को दो बेटे और एक बेटी है. रघुवंश प्रसाद सिंह के परिवार से उनके अलावे कोई दूसरा सदस्य राजनीति में सक्रिय नहीं है. रघुवंश प्रसाद के दोनों बेटे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके नौकरी कर रहे हैं. बड़े बेटे सत्यप्रकाश दिल्ली में इंजीनियर हैं और वहीं नौकरी करते हैं जबकि उनका छोटा बेटा शशि शेखर भी पेशे से इंजीनियर है जो हांगकांग में नौकरी करते हैं. इसके अलावे जो एक बेटी है वो पत्रकार है और टीवी चैनल में काम करती हैं.