नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली नहीं रहे. शनिवार को 66 वर्षीय अरुण जेटली ने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. अरुण जेटली को सांस में तकलीफ के चलते 9 अगस्त को एम्स में भर्ती करवाया गया था. उन्हें देखने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी के कई दिग्गज नेता एम्स पहुंचे थे. अरुण जेटली डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में थे. आज शनिवार को भी जे पी नड्डा और हर्षवर्धन पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को देखने एम्स पहुचे थे.
Delhi: Former Union Minister and Senior BJP leader Arun Jaitley passes away at AIIMS. pic.twitter.com/pmr4xiyqYV
— ANI (@ANI) August 24, 2019
अरुण जेटली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सन् 2000 में पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. जून 2009 से वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते आ रहे थे. उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मोदी सरकार में 2014 में केंद्रीय वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंप कर दी गई. यह अलग बात है कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए डेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था.
जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, आरएसएस संयुक्त महासचिव डॉ कृष्ण गोपाल और अमर सिंह भी पहुंच चुके हैं. पिछले शनिवार को शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई नेता जेटली का हाल चाल लेने के लिए एम्स पहुंचे थे.
इनमें से जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, बसपा प्रमुख एवं उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन, कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी और ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ शामिल थे. तो वहीं शुक्रवार को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए एम्स पहुंचे थे.
साल 2019 में भारी बहुमत से जीतकर सत्ता में लौटी मोदी 2.0 सरकार में अरुण जेटली ने मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था. अरुण जेटली ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही पीएम मोदी को मना कर दिया था कि वो अबकी बार कहीं से चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अरुण जेटली को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाने के लिए उनसे मिलने उनके घर भी गए थे लेकिन अरुण जेटली अपनी बात पर अड़े रहे और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया.
अरुण जेटली ने साल 2018 मई में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था जो पूरी तरह सही नहीं हुआ था. जेटली ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि वह इस अपने इलाज के लिए समय चाहते हैं, इसलिए वह कोई भी पदभार संभालने में समर्थ नहीं हैं. पीएम मोदी चाहते थे कि अरुण जेटली उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा बनें और अपने अनुभव से देश की जनता के लिए और भी बेहतरीन काम करें.