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पूर्व तृणमूल नेता मुकुल रॉय ने ज्वाइन की बीजेपी, कहा- पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करना मेरा सौभाग्य

25 नवम्बर-17 को तृणमूल कांग्रेस ने अपने संस्थापक सदस्य और राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय को छह साल के लिए 'पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता' के लिए निलंबित कर दिया था।

Updated on: 03 Nov 2017, 11:39 PM

नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता मुकुल रॉय ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की मौज़ूदगी में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ज्वाइन कर लिया है।

रविशंकर प्रसाद ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा, 'मैं प्रसन्नतापूर्वक ये बताना चाहता हूं कि मुकुल रॉय बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। मुझे भरोसा है कि हमें उनके अनुभव का फ़ायदा मिलेगा।'

बाद में मुकुल रॉय ने कहा कि मैने आज (शुक्रवार) बीजेपी ज्वाइन किया है और ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करने का मौका मिल रहा है।

रॉय ने औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल होने के बाद कहा, 'मेरा विश्वास है कि भाजपा सांप्रदायिक ताकत नहीं है, यह धर्मनिरपेक्ष ताकत है और देश पर शासन कर रही है..।'

उन्होंने कहा, 'मैं विश्वास करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी, कैलाश विजयवर्गीय जी और अमित (शाह) भाई के नेतृत्व में, निकट भविष्य में बीजेपी पश्चिम बंगाल में लोगों की भलाई के लिए सत्ता में आएगी।'

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रॉय ने याद दिलाया कि तृणमूल ने बीजेपी के साथी के तौर पर वर्ष 1998 में पहली बार चुनाव लड़ा था और वर्ष 1999 में दोबारा भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा, जिसमें ममता बनर्जी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में मंत्री भी बनी थीं।

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उस समय बिना बीजेपी के सहयोग के तृणमूल अपने आप को स्थापित नहीं कर पाती।'

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक रॉय पश्चिम बंगाल में बीजेपी के विस्तार में मददगार साबित होंगे।

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उन्होंने कहा, 'आज (शुक्रवार को) एक दिग्गज सार्वजनिक हस्ती और राजनीतिक नेता, मुकुल रॉय बीजेपी में शामिल हुए हैं। उन्होंने तृणमूल को सत्ता में आने में मदद की और 12 वर्षो तक सांसद रहे। उन्होंने राज्य में 30 वर्षो के माकपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाई, वो भी ऐसे समय जब विरोधी आवाजों के लिए कोई जगह नहीं थी।'

प्रसाद ने कहा कि रॉय बिना किसी शर्त के ऐसे समय बीजेपी में शामिल हुए हैं, जब पार्टी पश्चिम बंगाल में अपने पांव पसार रही है।

रॉय ने 25 सितम्बर को तृणमूल पार्टी छोड़ दी थी और 11 अक्टूबर को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

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