समाजवादी पार्टी के लिए मुसीबत बनेंगे शिवपाल? राम मंदिर के मुद्दे पर दिया 'विवादित' बयान

शिवपाल ने शीत सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,'वह राम मंदिर विरोधी नहीं है.

शिवपाल ने शीत सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,'वह राम मंदिर विरोधी नहीं है.

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vineet kumar1
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समाजवादी पार्टी के लिए मुसीबत बनेंगे शिवपाल? राम मंदिर के मुद्दे पर दिया 'विवादित' बयान

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शिवपाल यादव

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Pragatisheel Samajwadi Party) के संस्थापक और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पूर्व नेता शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने लोकसभा चुनावों से पहले मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए राम मंदिर के मुद्दे पर बड़ा विवादित बयान दिया है. शिवपाल ने फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में एक निजी कार्यक्रम के दौरान मीडिया कर्मियों से बात की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होना चाहिए.

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शिवपाल ने शीत सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,'वह राम मंदिर विरोधी नहीं है. राम मंदिर विवादित जगह पर न बने बल्कि आम सहमति से किसी अन्य स्थान पर बनाया जाए.'

उन्होंने बीजेपी के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा कि वह बीजेपी के एजेंट नहीं बल्कि बीजेपी विरोधी हैं.

शिवपाल ने कहा,'अगर राम मंदिर ही बन जाएगा तो बीजेपी पार्टी के पास मुद्दा ही खत्म हो जाएगा.'

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उन्होंने कहा कि अबकी बार लोकसभा चुनाव वे जरूर लड़ेंगे लेकिन कहा से लड़ेंगे ये पार्टी मीटिंग में तय होगा.

शिवपाल बोले कि समाजवादी पार्टी चापलूसों और चुगुलखोरों की पार्टी है. समाजवादी पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है. अब इस पार्टी में चुगलखोरों की जमात खड़ी हो गई है. अब ये पार्टी किसानों की पार्टी नहीं रही.

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शिवपाल से मीडिया ने पूछा कि 25 नवंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu parishad) और शिवसेना (Shivsena) दोनों का वहां जमावड़ा लग रहा है, जिससे वहां की स्थिति बिगड़ सकती है, इस सवाल पर वे बोले कि ये सरकार को सोचना चाहिए कि वहां पर कोई हालात ना बिगड़ें. सरकार को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. अगर कोई भी विवादित जगह है तो मंदिर आपसी सहमति से कहीं भी बन सकता है.

Source : News Nation Bureau

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