भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, 66 दिनों तक लड़ी जिंदगी की जंग

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल को यूरीन मार्ग संक्रमण, कम यूरीन पास होना और छाती में रक्त संचय की शिकायत के बाद 11 जून को ही AIIMS में भर्ती कराया गया था।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल को यूरीन मार्ग संक्रमण, कम यूरीन पास होना और छाती में रक्त संचय की शिकायत के बाद 11 जून को ही AIIMS में भर्ती कराया गया था।

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vineet kumar1
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भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, 66 दिनों तक लड़ी जिंदगी की जंग

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत से पूरे विश्व में शोक की लहर (पीटीआई)

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। शाम के पांच बजकर पांच मिनट पर उन्होंने AIIMS में अंतिम सांस ली। वो काफी समय से मधुमेह से पीड़ित थे और पिछले 11 जून से एम्स में भर्ती थे। वाजपेयी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया और कहा, मैं शून्य में चला गया हूं। पीएम के अलावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। राहुल गांधी ने वाजपेयी के निधन पर कहा देश ने एक महान सपूत खो दिया।

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गौरतलब है कि बुधवार को अचानक से उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया, जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उनकी मौत की खबर सुनकर देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है और कई लोगों के आंखों में आंसू तक आ गए।

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पूर्व पीएम वाजपेयी के पार्थिव शरीर को आज शाम 7.30 बजे उनके दिल्ली आवास पर ले जाया जाएगा। इसके बाद कल सुबह उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा जहां वीवीआईपी से लेकर आम लोग तक उन्हें श्रद्धांजलि दे पाएंगे। शुक्रवार की शाम को दिल्ली के विजय घाट पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल को यूरीन मार्ग संक्रमण, कम यूरीन पास होना और छाती में रक्त संचय की शिकायत के बाद 11 जून को ही AIIMS में भर्ती कराया गया था।

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वाजपेयी का जन्म 1924 में हुआ था। एम्स में उनका इलाज पलमोलोजिस्ट एवं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में हो रहा था। डॉ. गुलेरिया पिछले तीन दशक से वाजपेयी के निजी चिकित्सक रहे हैं।

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मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय BJP नेता का एक ही गुर्दा काम कर रह था। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई थी। बाद में वह डिमेंशिया से भी पीड़ित हो गए। जैसे-जैसे उनकी सेहत गिरती गई, धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया।

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वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया।

वह 5 साल का पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं। वह बीते एक दशक से अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हैं।

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गुरुवार सुबह देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और बीजेपी अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री का हाल जानने पहुंचे थे। बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और मीनाक्षी लेखी भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को देखने असपताल गई थीं।

Source : News Nation Bureau

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