सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई की बहू और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का हुआ निधन
आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) के संस्थापक और महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की रिलेटिव और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई.
कोलकाता:
आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) के संस्थापक और महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की रिलेटिव और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस की बहू और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का शनिवार को कोलकाता में निधन हो गया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कृष्णा बोस 89 वर्ष की थी. कृष्णा बोस का शनिवार की सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह कोलकाता में एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं.
कृष्णा बोस का जन्म 26 दिसंबर 1930 को ढाका में हुआ था. पिछले कुछ दिनों से हृदय जनित बीमारियों से वह पीड़ित थीं, इस कारण उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
Krishna Bose, Former MP, academician and daughter-in law of Subhash Chandra Bose's elder brother Sarat Chandra Bose, passes away in Kolkata due to cardiac arrest. pic.twitter.com/79UuHykAGy
— ANI (@ANI) February 22, 2020
यह भी पढ़ें: सोनभद्र में सोने के खजाने के बाद यूरेनियम के भंडार की जगी आस, सर्वे शुरू
उनके निधन के वक्त उनके दोनों पुत्र सुगत बसु व सुमंत्र बसु मौजूद थे. आज सुबह उनके दोनों पुत्रों ने ही कृष्णा बसु के निधन की खबर दी. बोस जादवपुर सीट से तीन बार तृणमूल कांग्रेस की सांसद चुनी गई. उनके पुत्र सुगत बोस भी तृणमूल कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं.
यह भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने किया शंखनाद, जेपी नड्डा बोले- जीत हमारी होगी
बोस साल 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जादवपुर से जीतने के बाद लोकसभा की सदस्य बनी थीं। बाद में, उन्होंने 1998 और 1999 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में उसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय