logo-image

शारदा घोटाला: कांग्रेस नेता सोमेन मित्रा ने राजीव कुमार की हत्या की आशंका जताई, कही ये बात

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा (Somen Mitra) ने शनिवार को आशंका जतायी कि कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार (Rajeev Kumar) की हत्या करायी जा सकती है.

Updated on: 22 Sep 2019, 06:30 AM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा (Somen Mitra) ने शनिवार को आशंका जतायी कि कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार (Rajeev Kumar) की हत्या करायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है ताकि वह शारदा चिटफंड घोटाले (Sharda chitfund Scam) में शामिल प्रभावशाली लोगों के बारे में खुलासे नहीं कर सकें.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मित्रा ने एक बयान में कहा, ‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि अगर राजीव कुमार को गिरफ्तार किया जाता है और वह बोलते हैं तो कई प्रभावशाली लोग मुश्किल में होंगे. चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) के कई शीर्ष नेताओं एवं मंत्रियों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है और कई को गिरफ्तार कर चुकी है. यही वजह है कि तृणमूल सरकार उन्हें बचाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है . उन्हें चुप करने की कोशिश हो सकती है. हमें आशंका है कि उनकी हत्या की जा सकती है.’

इसे भी पढ़ें:शरद पवार खुद को पाकिस्तान पसंद बताने पर पीएम मोदी पर किया वार, कही ये बातें

बंगाल की एक अदालत ने आईपीएस राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी. शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में ममता बनर्जी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने वाले कुमार पर इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था

सीबीआई (CBI) की टीमें शहर में और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर राजीव कुमार की तलाश कर रही हैं, क्योंकि एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए कई बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पेश नहीं हुए.

और पढ़ें:बैंकों के विलय के विरोध में AIBOC देशभर में करेंगे हड़ताल, इस दिन रहेंगे बैंक बंद

राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने उन कुछ अहम सबूतों को दबा दिया जिनकी सीबीआई को करोड़ों रूपये के पोंजी घोटाले मामले में अंतिम आरोपपत्र दायर करने के लिए जरूरत है.

सीबीआई कुमार की हिरासत में पूछताछ की मांग कर रही है, जिसमें तर्क दिया गया है कि घोटाले की प्रारंभिक जांच के दौरान एसआईटी द्वारा जब्त किए गए कुछ दस्तावेजों को उसे नहीं सौंपा गया है.