संक्षिप्त बीमारी के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व गर्वनर जगमोहन का निधन
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के क्रम में तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जगमोहन से मुलाकात की और तब संपर्क अभियान की शुरुआत की थी.
highlights
- जम्म-कश्मीर में आतंकवाद रोकने में प्रभावी भूमिका
- दिल्ली के सौदर्यीकरण में भी दिया बेहतरीन योगदान
- पीएम मोदेी ने निधन को बताया अपूर्णीय क्षति
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा का सोमवार को संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 94 वर्ष के थे. देर रात ट्वीट में, उनके परिवार के सदस्यों ने कहा, 'गहरे शोक के साथ, हम पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्यपाल जम्मू-कश्मीर जगमोहन के निधन के बारे में सूचित कर रहे हैं. उमा जगमोहन, बच्चे - दीपिका और राजीव कपूर, नूतन और जस्टिस जगमोहन.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी मौत को देश् के लिए एक बड़ा नुकसान बताया.
जगमोहन ने 1984 से 89 तक, और फिर जनवरी से मई 1990 तक, जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य में दो कार्यकालों में राज्यपाल के रूप में कार्य किया. 1998 में जब भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, तो जगमोहन ने संचार, शहरी विकास और पर्यटन सहित कई विभागों में अपने मंत्रिमंडल में कार्य किया. 1990 के दशक के दौरान, जगमोहन ने 1990-96 में राज्यसभा में मनोनीत सांसद के रूप में कार्य किया और नई दिल्ली (1996, 1998 और 1999) से लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की. वह दिल्ली और गोवा के उपराज्यपाल भी थे. उन्हें 1971 में पद्म श्री, 1977 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि जगमोहन जी का निधन हमारे राष्ट्र के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. वह एक अनुकरणीय प्रशासक और प्रसिद्ध विद्वान थे. उन्होंने हमेशा भारत की भलाई के लिए काम किया. उनके मंत्री कार्यकाल को नवीन नीति निर्माण द्वारा चिह्न्ति किया गया. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना ओम शांति.'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के क्रम में तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जगमोहन से मुलाकात की और तब संपर्क अभियान की शुरुआत की थी. बता दें कि जम्मू कश्मीर में अहम रोल निभाने वाले जगमोहन का लुटियन दिल्ली के सौंदर्यीकरण में भी अहम योगदान रहा।. दरअसल, 1975-77 में डीडीए के वाइस चेयरमैन का पद संभालते हुए उन्होंने वहां स्थित झुग्गियों को विस्थापित कराया था. आतंकवाद का सामना करने वाले जम्मू कश्मीर में पूर्व राज्यपाल के तौर पर जगमोहन ने अनेक सख्त फैसले लिए. घाटी में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार का मामला हो या आतंक से बचाव में रणनीति का मुद्दा जगमोहन कभी पीछे नहीं रहे.
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