महबूबा मुफ्ती को किया गया रिहा, पिछले साल 4 अगस्त से थी नजरबंद
जम्मू -कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को रिहाई मिल गई है. लंबे अरसे बाद उन्हें रिहा करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
नई दिल्ली :
जम्मू -कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को रिहाई मिल गई है. लंबे अरसे बाद उन्हें रिहा करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने यह जानकारी दी है की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जा रहा है.
बता दें कि महबूबा मुफ्ती 4 अगस्त 2019 से नजरबंद थी. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसे दो हिस्सों में बांटने से पहले शांति के लिहाज से महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया था. उसके बाद मुफ्ती को पीएसए कानून के तहत हिरासत में लिया गया था.
Jammu and Kashmir: PDP chief Mehbooba Mufti is being released from detention, says J-K Administration Spokesperson Rohit Kansal pic.twitter.com/ssCyFdT1xl
— ANI (@ANI) October 13, 2020
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महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद उनकी बेटी इल्तिजा ने उनके ही ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कठिन समय में साथ देने वालों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मिस मुफ्ती की अवैध हिरासत खत्म हो रही है. मैं उनलोगों का धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने इस कठिन वक्त में मेरा साथ दिया.मैं आप सभी का आभार मानता हूं. यह इल्तिजा दस्तखत है.
As Ms Mufti’s illegal detention finally comes to an end, Id like to thank everybody who supported me in these tough times. I owe a debt of gratitude to you all. This is Iltija signing off. فی امان اﷲ May allah protect you
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
कुछ वक्त पहले महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मां की रिहाई की अपील की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था.
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न्यायालय ने साथ ही यह टिप्पणी की कि यह नजरबंदी हमेशा के लिये नहीं रह सकती और इसका कोई तरीका खोजना चाहिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने महबूबा मुफ्ती को अपने राजनीतिक दल पीडीपी की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने और लोगों को मुलाकात की अनुमति देने से इंकार करते हुये कहा कि इस तरह के अनुरोध का समर्थन करना मुश्किल होगा.
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