गोवा में बंबई हाईकोर्ट की पीठ ने भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे को आजीवन कैबिनेट का दर्जा दिए जाने की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई जारी रखी है। वहीं दूसरी ओर गोवा के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने बुधवार को वरिष्ठ नेता से आग्रह किया कि वह इस पद को शिष्टाचारपूर्वक खारिज कर दें।
राव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि इस तरह के पद को स्वीकार करना राजनीतिक रूप से एक बुरी मिसाल कायम करेगा।
राव ने ट्वीट किया, श्री प्रताप सिंह राणे के कद के व्यक्ति को इस कैबिनेट के दर्जे को शिष्टाचार दिखाते हुए अस्वीकार कर देना चाहिए। न तो उन्हें इसकी आवश्यकता है और न ही यह उनकी स्थिति को बढ़ाएगा। यह एक बुरी मिसाल कायम करता है और मुझे यकीन है कि यह कानून के अनुसार उचित नहीं है। तो फिर क्यों हाईकोर्ट के आदेश का अपमान भी सहना.।
राणे राज्य के सबसे बड़े कांग्रेस नेताओं में से एक हैं और उन्होंने 15 वर्षों में कई मौकों पर मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। संयोग से उनके इकलौते बेटे विश्वजीत वर्तमान भाजपा नीत गठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं।
एक संयोग यह भी है कि राणे को 14 फरवरी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ना था, लेकिन उनके बेटे द्वारा सार्वजनिक रूप से चेतावनी दिए जाने के बाद वह चुनावी मैदान से हट गए। भाजपा ने बाद में राणे को आजीवन कैबिनेट का दर्जा देने का वादा किया था और इस साल अप्रैल में इसे लेकर एक अधिसूचना जारी की गई थी।
शहर के एक वकील एरेस रोड्रिग्स ने राणे को आजीवन कैबिनेट का दर्जा देने के गोवा सरकार के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राणे, जो मामले में प्रतिवादियों में से एक हैं, ने कहा कि स्थिति की वैधता पर फैसला करना अदालत पर निर्भर है।
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Source : IANS