चुनावी साल के अंतरिम बजट को आज केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने संसद में पेश किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर हमला बोला. यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह लोगों के वोट पाने के लिए पैसे बांटने जैसा है. एक निजी चैनल के साथ खास बातचीत के दौरान सिन्हा ने कहा, 'सरकार को जनादेश सिर्फ पांच बजट के लिए मिला था लेकिन संविधान की परंपराओं का ध्यान न रखते हुए इन्होने छठा बजट पेश कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि इस बजट में सरकार की सिर्फ एक ही कोशिश है कि विभिन्न वर्ग के लोगों को कैश उपलब्ध करवाकर वोट ले लो.'
यशवंत सिन्हा का कहना है कि सरकार ने बजट में आवंटन कम करके रखा है. पिछले बजट की तुलना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रीन रेवोल्यूशन, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं में आवंटन कम कर दिया है. बजट में कृषि क्षेत्र पर यशवंत सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, कृषि की क्षेत्र में बड़ा सुधार करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया. सरकार ने बजट को 'कैश फॉर वोट' कर दिया. बजट में कई बातें ऐसी है जिसपर साकार को लगता है कि किसी का भी ध्यान नहीं जाएगा.
यशवंत सिंह के अलावा विपक्ष बजट पर मोदी सरकार पर हमलावर तेवर अख्तियार कर चुका है. आरजेडी अध्यक्ष ने संसद में पेश किये गए बजट को झूठ की टोकरी बताया. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट की श्रृंखला में मोदी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा कि खाद की बोरी से पांच सालों में 5-5 किलो 'चोरी' कर जो निकाला है, बीजेपी अब उसी को छह हजार रुपये बनाकर वापस करना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि अगले चुनाव में किसान बोरी की चोरी करने वाली वरज का बोरिया-बिस्तर बांध देगी. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि एक साल के बजट में दस साल आगे की झूठ बात है.
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बता दें कि बजट में मध्यवर्ग और वेतनभोगी करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा दोगुना बढ़ाकर 5 लाख रुपये रुपये, छोटे किसानों को 6,000 रुपये की मासिक आय समर्थन के साथ ही नोटबंदी से प्रभावित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को अंशदायी पेंशन की सौगात दी है. पेंशनभोगियों के लिए मानक कटौती 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है और दूसरे घर (अगर वह खुद इस्तेमाल करे) के अनुमानित किराये पर लगने वाले आयकर में छूट का प्रस्ताव दिया गया है. इससे अपनी नौकरियों के कारण दो स्थानों पर परिवार रखने वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी.
Source : News Nation Bureau