दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने सोमवार को यहां एक साहित्यिक कार्यक्रम में कहा कि पुलिस को सभी अपराधियों के साथ धर्म या समुदाय के भेदभाव के बिना व्यवहार करना चाहिए।
कुमार की यह टिप्पणी राकेश अग्रवाल और कनीज रजावी के साथ उनकी पुस्तक खाकी फाइल्स एंड द मेकिंग ऑफ दिल्ली क्राइम पर यहां भारत भवन में चल रहे साहित्य और कला महोत्सव में बातचीत के दौरान आई।
कुमार ने कहा, मैंने अपना अधिकांश कार्यकाल दिल्ली पुलिस और सीबीआई में बिताया है और अपनी सेवा के वर्षों के दौरान, मैं कभी नहीं जानना चाहा कि एक आरोपी किस समुदाय का है।
हालांकि, कुमार ने पुलिस बल में पक्षपात की संभावना से इनकार नहीं किया।
कुमार ने कहा, यह संभव हो सकता है कि देश के अंदरूनी हिस्सों में, अगर एक पुलिसकर्मी जो उच्च जाति का है और निचली जाति के आरोपी के साथ व्यवहार कर रहा है, तो वह उससे अलग व्यवहार करता है, लेकिन उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे एक पुलिसकर्मी को मुस्लिम या हिंदू या ईसाई के रूप में न देखें।
कुमार ने कहा, सेना की तरह, उन्हें उनके धर्म या जाति के आधार पर ना देखें। जब आप किसी पाकिस्तानी या चीनी के साथ लड़ रहे हैं, तो क्या आप एक-दूसरे के धर्म को देखते हैं? लेकिन अगर ऐसा होता है, तो यह निंदनीय है और गंभीरता से निपटा जाना चाहिए।
कुमार ने वेब सीरीज दिल्ली क्राइम का भी जिक्र किया, जो निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले पर आधारित है।
मामले के बारे में बात करते हुए, कुमार, (जो उस समय दिल्ली के पुलिस आयुक्त थे) ने कहा कि पुलिस ने कुछ ही समय में आरोपी को पकड़ लिया था।
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया था।
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Source : IANS