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आसियान के मंच से विदेश मंत्री एस. जयशंकर का चीन पर निशाना

चीन (China) को परोक्ष संदेश देते हुए भारत ने दक्षिणी चीन सागर (South China Sea) में विश्वास खत्म करने वाले ‘कदमों एवं घटनाओं’ को लेकर चिंता प्रकट की.

Updated on: 15 Nov 2020, 08:09 AM

नई दिल्ली:

चीन (China) को परोक्ष संदेश देते हुए भारत ने दक्षिणी चीन सागर (South China Sea) में विश्वास खत्म करने वाले ‘कदमों एवं घटनाओं’ को लेकर चिंता प्रकट की और इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनुपालना और क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने 15वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक (ईएएस) को संबोधित किया और इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में बात की. जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हाल ही में कई देशों की ओर से घोषित नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता हो तो विभिन्न दृष्टिकोण का समायोजन रखना कभी चुनौतीपूर्ण नहीं होगा.

वियतनाम ने की अध्यक्षता
इस डिजिटल शिखर बैठक की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने बतौर आसियान प्रमुख की. ईएएस के सभी सदस्य देश इसमें शामिल हुए. इस समूह में आसियान (ASEAN) के 10 देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईएएस के महत्व को दोहराया और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनुपालना, क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करने और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया.

चीन से जारी है तनाव
उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध चल रहा है और दक्षिणी चीन सागर एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी बीजिंग का विस्तारवादी रवैया देखने को मिल रहा है. जयशंकर ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत में उठाए गए कदमों के बारे में भी इस शिखर बैठक को सूचित किया.