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अगर में आपके घर का नाम बदल दूं...अरुणाचल पर चीन के दावे को लेकर क्या बोले जयशंकर?

चीन ने भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश पर एक बार फिर अपना दावा ठोका है. यही नहीं चीन ने अरुणाचल की 30 जगहों के नाम भी बदल दिए हैं...

Updated on: 01 Apr 2024, 07:16 PM

New Delhi:

पड़ोसी देश चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की नाकाम कोशिश कर चुका चीन अपना भारत के अभिन्न राज्य अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना अधिकार जता रहा है. चीन ने हाल ही में पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल के शहरों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में चीन ने अरुणाचल की 30 शहरों के अलग-अलग नाम बताएं हैं. विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने चीन की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया है. जयशंकर ने अरुणाचल पर चीन के दावे को सिरे से खारिज किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि अगर मैं आज आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा? 

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा. नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारी सेना वहां (लाइन ऑफ कंट्रोल) तैनात है. आपको बता दें कि चीन की मिनिस्ट्री ऑफ सिविल अफेयर्स ने अरुणाचल प्रदेश की जगहों के बदले हुए नामों की लिस्ट जारी की है. चीनी मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अरुणाचल की इन 30 जगहों के बदले हुए नामों की लिस्ट अपलोड की है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नाम 1 मई से प्रभावी हो जाएंगे. इससे पहले पिछले महीने, जयशंकर ने अरुणाचल पर चीन के दावे को 'हास्यास्पद' बताया था और कहा था कि राज्य भारत का स्वाभाविक हिस्सा है.

चीन का यह दावा शुरुआत से ही हास्यास्पद रहा है

जयशंकर ने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं. मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, उसने अपने दावे का विस्तार किया है. उन्होंने कहा कि चीन का यह दावा शुरुआत से ही हास्यास्पद रहा है और आज भी हास्यास्पद ही है. इस मामले को लेकर हम हमेशा से बिल्कुल स्पष्ट रहे हैं और इसी पर अडिग हैं. मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि दो देशों की सीमाओं से जुड़ा मामला है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए. वहीं, चीन को अमेरिका का वह बयान भी रास नहीं आ रहा है, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा माना है. अमेरिका के गृह मंत्रालय के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानता है और हम अरुणाचल पर किसी और द्वारा अपना हक जताए जाने का पुरजोर विरोध करते हैं.