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News Nation Expose Border on Madarsa: नेपाल सीमा पर चल रहे मदरसों के लिए होती है विदेशी फंडिंग

भारत नेपाल सीमा पर बड़े मस्जिद और मदरसों के मुद्दे पर सिद्धार्थनगर जिले के बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि काफी वर्षों से भारत नेपाल की सीमा पर इस तरह के मदरसे और मस्जिदों का निर्माण हुआ है और अवैध गतिविधियां बढ़ी हैं

Updated on: 20 Oct 2020, 12:22 PM

नई दिल्ली:

नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में अवैध रूप से मदरसों का निर्माण हो रहा है. सुरक्षा एसेंजियों को जानकारी मिली है कि इन मदरसों के लिए विदेशों से फंडिंग की जा रही है. इस जानकारी के बाद से इन इलाकों में सुरक्षा एजेंसियां लगातार नजर बनाए हुए हैं. 

भारत नेपाल सीमा पर बड़े मस्जिद और मदरसों के मुद्दे पर सिद्धार्थनगर जिले के बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि काफी वर्षों से भारत नेपाल की सीमा पर इस तरह के मदरसे और मस्जिदों का निर्माण हुआ है और अवैध गतिविधियां बढ़ी हैं लेकिन सुरक्षा एजेंसी अभी चाक-चौबंद हैं एसएसबी के जवान भी हैं. इसमें विदेशी फंडिंग बहुत बड़े पैमाने पर है. बीजेपी जिला अध्यक्ष गोविंद माधव ने कहा कि 1992 से यहां मस्जिद और मदरसे बनने शुरू हो गए थे. यह विदेशी फंडिंग से बनते हैं इसके पीछे पाकिस्तान है. उन्होंने कहा कि यहां सभी तरह की अवैध गतिविधियां चलती हैं. यहां विदेशी पाकिस्तानी-अफगानिस्तानी लोग आकर शरण लेते हैं. आतंकवाद का अड्डा बन गया है.

सिद्धार्थनगर का यूसुफपुर मदरसा जो बहुत बड़ा है और पुराना भी है. इस मदरसे को भी शक की निगाह से देखा जाता है. यहां के शेख और दूसरे मौलाना और मौलवियों का साफ कहना है कि अगर विदेशी फंडिंग की बात आती है तो सरकार जांच क्यों नहीं कराती सरकार चाहे तो किसी भी तरीके से जांच करा ले. मदरसों पर आरोप लगाना गलत है. मदरसे लोगों के सहयोग से आम लोगों और मुसलमानों के दान से, जकात से सदके से खैरात से चलते हैं. कौम के लोगों की मेहरबानी से चलते हैं चंदे लेकर हम लोग मदरसा चलाते हैं