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2047 तक देश की सभी पंचायतों के लिए नया दृष्टिकोण, मास्टर प्लान होगा तैयार

पंचायत और सभी संबंधित विकास योजनाओं के जमीनी स्तर पर कुशल और सुचारू क्रियान्वयन की दिशा में दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है.

Updated on: 21 Jan 2022, 01:04 PM

highlights

  • संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को प्राप्त करना है
  • रुर्बन मिशन जैसे प्रयासों को मिलेगी मदद

नई दिल्ली:

अगले पच्चीस वर्षों में यानी 2047 तक देश के सभी पंचायती राज संस्थान पंचायत के लिए एक दृष्टिकोण अपनाएंगे. पंचायतों के विकास के लिए एक मास्टर प्लान भी तैयार किया जाएगा. इसकी मदद से स्थानीय बुनियादी ढांचे, विकासात्मक आवश्यकताओं, रोजगार के अवसरों और पंचायतों के संसाधनों को बढ़ावा देने का प्रयास होगा. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने पंचायती राज मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए संशोधित ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (आरएडीपीएफआई) दिशा-निर्देश भी जारी किए.

गिरिराज सिंह ने पंचायती राज संस्थानों से ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (आरएडीपीएफआई) दिशा-निर्देशों को एक सक्रिय स्वामित्व दृष्टिकोण का लाभ उठाकर संकल्प पत्र के रूप में अपनाने का आह्वान किया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जारी किए गए आरएडीपीएफआई दिशा-निर्देश निश्चित रूप से ग्रामीण भारत को बदलने और ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि पंचायत और सभी संबंधित विकास योजनाओं के जमीनी स्तर पर कुशल और सुचारू क्रियान्वयन की दिशा में दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. आरएडीपीएफआई दिशा-निर्देश ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेंगे. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के संदर्भ में पंचायतों को शक्तिशाली और जीवंत संस्था बनाने के सपनों को साकार करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का लक्ष्य रखा है. विजन 2047 के साथ हमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित सतत विकास लक्ष्यों को भी प्राप्त करना चाहिए और वर्ष 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल करने का हमारा इरादा है. प्रधानमंत्री ने पंचायतों के परिप्रेक्ष्य में नए प्रस्तावों के लिए आधार तैयार करने और समन्वित तथा समग्र तरीके से नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया है.

मंत्री ने कहा कि जब हम पंचायतों के विकास के लिए रणनीति और योजना का प्रस्ताव करने की दिशा में समग्रता से विचार-विमर्श करते हैं तो दृष्टिकोण में बदलाव और मानसिकता में बदलाव की अधिक आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि संशोधित आरएडीपीएफआई दिशा-निर्देश ग्रामीण परिवर्तन के आधार के रूप में काम करेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी भूमि उपयोग योजना को सक्षम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि आरएडीपीएफआई दिशा-निर्देशों को जारी करने से केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना और ग्रामीण विकास मंत्रालय के रुर्बन मिशन जैसे प्रयासों को पूरा करने में मदद मिलेगी और भू-स्थानिक जानकारी के बेहतर उपयोग की सुविधा मिलेगी.