रीजनल पॉवर बनने के लिए मेड इन इंडिया पर करें फोकसः CDS
क्षेत्रीय शक्ति बनने की भारत की आकांक्षा 'उधार में ली गई ताकत' पर निर्भर नहीं रह सकती. राष्ट्र को युद्ध जीतने के लिए स्वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत होगी.
highlights
- उधार की ताकत से पूरा नहीं होगा क्षेत्रीय ताकत का सपना
- युद्ध जीतने के लिए स्वदेशी हथियारों-तकनीक की जरूरत
- भारत को अपने युद्धों को भारतीय तरीकों से लड़ना होगा
नई दिल्ली:
चीन से तनातनी और अफगानिस्तान में उभरते नए खतरे के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' की वकालत की है. उन्होंने जोर देकर कहा कि आज देश को स्वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत है. 'रीजनल पावर' बनाने का सपना उधार ली गई ताकत से पूरा नहीं किया जा सकता है. हमें इस दिशा में गंभीरता के साथ विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश के वृहद-आर्थिक मापदंडों और सामाजिक-आर्थिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी विनिर्माण के जरिए सर्वोत्तम समाधान खोजने होंगे. यदि हम अपने डिफेंस (Defence) सिस्टम को स्वदेशी रूप से विकसित करते हैं, तो हम सशस्त्र बलों के लिए किए गए बजटीय आवंटन का बेहतर उपयोग करने में सक्षम होंगे.
सेना का हो रहा है आधुनिकीकरण
बिपिन रावत शुक्रवार को राजधानी में 5वें आईईटीई इनोवेटर्स-इंडस्ट्री मीट में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम को इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर्स ने आयोजित किया था. कार्यक्रम में जनरल रावत ने कहा देश के सशस्त्र बलों के हथियारों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. सशस्त्र बलों की वायु रक्षा क्षमताएं राफेल लड़ाकू विमान, एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, बीएमडी प्रणाली, आकाश हथियार प्रणाली के अधिग्रहण के साथ आधुनिकीकरण की ओर है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शक्ति बनने की भारत की आकांक्षा 'उधार में ली गई ताकत' पर निर्भर नहीं रह सकती. राष्ट्र को युद्ध जीतने के लिए स्वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत होगी. भारत में रक्षा वाणिज्य उद्योग के पारिस्थितिकी तंत्र की प्रकृति ऐसी है जिससे रक्षा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता बाधित होती है.
आगे का रास्ता स्वदेशीकरण
जनरल रावत ने कहा, 'अगर हमें भविष्य के युद्ध लड़ने और जीतने हैं तो हम आयात पर निर्भर नहीं रह सकते. लिहाजा, आगे का रास्ता स्वदेशीकरण का है. सशस्त्र सेनाओं में हम इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.' उन्होंने कहा, 'क्षेत्रीय शक्ति बनने की हमारे देश की आकांक्षा उधार में ली गई ताकत पर निर्भर नहीं रह सकती. भारत को अपने युद्धों को भारतीय तरीकों से लड़ना होगा.' चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि सूचना की व्यापकता और प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव युद्ध के मूल चरित्र को बदल रहे हैं. ऐसे तरीकों का ईजाद कर रहे हैं जिनसे बिना आमने-सामने लड़े युद्ध किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना चाहिए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sita Navami 2024: साल 2024 में कब मनाई जाएगी सीता नवमी? इस मूहूर्त में पूजा करने से घर में आएगी सुख-समृद्धि!
-
Kuber Upay: अक्षय तृतीया पर करें कुबेर के ये उपाय, धन से भरी रहेगी तिजोरी
-
Maa Laxmi Upay: सुबह इस समय खोल देने चाहिए घर के सारे खिड़की दरवाजे, देवी लक्ष्मी का होता है आगमन
-
Gifting Gold: क्या पत्नी को सोने के गहने गिफ्ट करने से होती है तरक्की, जानें क्या कहता है शास्त्र