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स्कूलों में यूनिफार्म कोड का पालन करें, हिजाब विवाद पर बोलीं सीमांत गांधी की पोती

स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती और ऑल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष यासमीन निगार खान ने बुधवार को ट्वीट कर स्कूल परिसर में यूनिफार्म कोड के पक्ष में दलील दी.

Updated on: 10 Feb 2022, 08:57 AM

highlights

  • हिजाब विवाद पर बोलीं स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती
  • ऑल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष भी हैं यासमीन निगार खान
  • उन्होंने लिखा, 'मुझे लगता है कि स्कूलों में यूनिफार्म कोड का पालन होना चाहिए'

New Delhi:

कर्नाटक में कई दिनों से जारी हिजाब विवाद पर स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती और ऑल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष यासमीन निगार खान ने बुधवार को ट्वीट कर स्कूल परिसर में यूनिफार्म कोड के पक्ष में दलील दी. उन्होंने लिखा, 'मुझे लगता है कि स्कूलों में यूनिफार्म कोड का पालन होना चाहिए.' अगर आप स्कूल परिसर में खुद को बुर्का या हिजाब से ढंकते हैं तो यह पहचान का मुद्दा होगा.

निगार खान ने सुझाव दिया, 'मुझे लगता है कि पूरे चेहरे को ढकने के बजाय एक स्कार्फ पहना जा सकता है. जब हज के लिए मक्का मदीना जाते हैं तो कुछ लोग बुर्का पहनते हैं, कुछ नहीं पहनते. मुझे लगता है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यासमीन निगार खान ने कहा कि स्कूलों में सभी को बराबर होना चाहिए और धर्म का पालन सिर्फ एक हद तक ही करना चाहिए.'

कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हिजाब विवाद की गूंज देश-विदेश तक पहुंच गई है. इस पूरे मामले पर हाई कोर्ट में जारी सुनवाई को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है. साथी ही ऐसे मामले को काफी गंभीर माना है. वहीं, देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव की प्रक्रियाओं के बीच यह मामला सरगर्म होता जा रहा है. स्कूल स्टूडेंट के मसले को मजहबी और सियासी मुद्दा बनकर उभरने से इस पूरे मामले से प्रगतिशील मुस्लिम महिलाएं और लड़कियां अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. छात्रों में कट्टरपंथ को लेकर आकर्षण बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है. 

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