केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने बुधवार को यहां 37 लोगों को तीन से लेकर 14 साल तक की कैद की सजा सुनाई। इनमें से कुछ पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है।
एक वकील के अनुसार, चार अधिकारियों को 14 साल तक के कारावास की सजा सुनाई गई है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने बुधवार को सजा सुनाई।
सीबीआई अदालत ने दुमका कोषागार से 1991-1992 व 1995-1996 में धोखाधड़ी से 34.91 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़े मामले में नौ अप्रैल को 37 लोगों को दोषी करार दिया था।
मामले में 1996 में 72 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
साल 2004 में 60 आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाए गए। मुकदमे के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो गई, दो ने अपना अपराध कबूल किया और दो फरार हैं।
अदालत ने 9 अप्रैल को 37 लोगों को दोषी करार दिया था और पांच आरोपियों को बरी कर दिया था।
बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद चारा घोटाला 1996 में सामने आया था।
लालू प्रसाद को चार मामलों में दोषी करार दिया गया है और वह सजा काट रहे हैं। उन्हें 23 मार्च को 14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई।
लालू प्रसाद का वर्तमान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली में इलाज चल रहा है।
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Source : IANS