बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। चारा घोटाला के तीसरे मामले में भी लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। चाईबासा ट्रेजरी से पैसे निकालने के पहले केस में लालू यादव को पांच साल की सजा पहले ही हो चुकी है।
इस केस में लालू यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को भी सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोषी पाया है जबकि 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
इस मामले में जज एसएस प्रसाद की कोर्ट में बहस 10 जनवरी को पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।
लालू को चारा घोटाला के दो मामलों सजा हो चुकी है। 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाला मामले में 69 वर्षीय लालू के खिलाफ पांच केस दर्ज हैं।
आज जिस मामले में फैसला होना है उसमें पूर्व रेल मंत्री लालू पर 1990 में चाइबासा जिला कोषागार से अवैध तरीके से 35.62 लाख रुपये की निकासी का आरोप है। जब यह निकासी हुई थी लालू उस समय मुख्यमंत्री थे।
1990 से 1994 के बीच देवघर जिला कोषागार से अवैध तरीके से 84.5 लाख की निकासी के मामले में लालू फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। उन्हें सीबीआई अदालत ने 6 जनवरी को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई थी।
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लालू को चारा घोटाले के एक अन्य मामले में 30 सितंबर 2013 को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
लालू के खिलाफ दो और केस
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर दुमका कोषागार से 3.97 रुपये और डोरंडा कोषागार से 184 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकासी का आरोप है। इस मामले में भी सुनवाई चल रही है।
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Source : News Nation Bureau