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चारा घोटाला: टला फैसला, लालू यादव ने कहा- 'हुजूर मैं बेगुनाह हूं'

बिहार के चर्चित चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष अदालत ने गुरुवार को सजा का ऐलान नहीं किया।

Updated on: 04 Jan 2018, 02:35 PM

नई दिल्ली:

बिहार के चर्चित चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष अदालत ने गुरुवार को सजा का ऐलान नहीं किया। अब अदालत उन्हें शुक्रवार को सजा सुना सकती है।

कोर्ट में पेशी के दौरान लालू प्रसाद यादव ने अपनी बेगुनाही का दावा किया। उन्होंने कहा, 'हुजूर मैं बेगुनाह हूं।'

वहीं सीबीआई जज ने चारा घोटाला मामले में दोषी लालू यादव से कहा, 'आपके नीचे खेल होता रहा, आप देखते रहे, आप मुख्यमंत्री थे, आपने कुछ नहीं किया। विधानसभा में भी हंगामा होता रहा आप खामोश रहे।'

कोर्ट ने लालू यादव को पहले सजा सुनाने के लिए 3 जनवरी का दिन तय किया था लेकिन वकील बिेंदेश्वरी प्रसाद के निधन की वजह से इसे एक दिन के लिए टाल दिया था।

लालू प्रसाद यादव को देवघर जिला राजकोष से फर्जी रूप से करीब 85 लाख रुपये निकालने के मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है।

23 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा समेत 22 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया था।

इस फैसले में कोर्ट ने जगन्नाथ मिश्रा समेत 7 लोगों को बरी कर दिया था वहीं लालू यादव समेत अन्य 15 लोगों को मामले में दोषी करार दिया है।

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लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में एक बार पहले भी दोषी करार देते हुए कोर्ट ने जेल भेजा था, जहां से वह फिलहाल जमानत पर थे। लेकिन दूसरे मामले में दोषी दिए जाने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था।

गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट ने नवंबर 2014 में लालू यादव को बड़ी राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने और ठगी के आरोप हटा दिए थे।
हाई कोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती।

हालांकि सीबीआई की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए लालू पर आपराधिक मामला चलाने की मंजूरी देते हुए नौ महीनों के भीतर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था।

बता दें कि इससे पहले चाइबासा कोषागार से 37.5 करोड़ रूपये फर्जीवाड़े तरीके से निकालने के जुर्म में लालू यादव को पांच साल जेल और 25 लाख रूपये जुर्माने की सज़ा सुनाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के दिसंबर में उन्हें जमानत दी थी।

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