भारतीय सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने इतिहास रच पूरे देश को गौरवान्वित किया है। अकेले मिग-21 लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रचने वालीं अवनी चतुर्वेदी ने कामयाबी की मिसाल पेश की है।
गुजरात के जामनगर एयरबेस से अवनी ने सफल उड़ान भर कर अपना मिशन पूरा किया।
जुलाई 2016 में फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर शामिल अवनी भारत की पहली ऐसी महिला है जिन्होंने अकेले लड़ाकू विमान में उड़ान भरी है।
उड़ान भरने से पहले अवनी के प्रशिक्षक ने मिग-21 'बाइसन' एयरक्राफ्ट की पूरी जांच की थी। इसके साथ एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल और रन-वे पर अनुभवी फ्लायर्स और प्रशिक्षक निगरानी बनाये हुए थे।
अवनी चतुर्वेदी ने हैदराबाद वायु सेना अकादमी में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के एक छोटे से शहर देवोलंद में पढ़ाई की।
2014 में बनस्थली विश्वविद्यालय, राजस्थान से टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना की परीक्षा उत्तीर्ण की। अवनी के पिता, दिनकर चतुर्वेदी, एम.पी. के जल संसाधन विभाग में एक कार्यकारी अभियंता हैं।
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2016 में पहली बार तीन महिलाओं अवनि चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना को वायु सेना में कड़ा प्रशिक्षण दिया गया था। मिग-21 'बाइसन' की दुनिया में सबसे ज्यादा लैंडिंग और ले-ऑफ की गति है।
अवनी के बाद मोहना सिंह और भवना भी लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए तैयार है। भावना और मोहना ने भी लड़ाकू विमान उड़ने के लिए प्रशिक्षण पूरा किया है। तीनों महिलाओं को जनवरी में प्रशिक्षण दिया गया था।
अवनी, मोहना सिंह और भावना कंठ को पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था। इन तीनों को जून, 2016 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया। उन्हें औपचारिक रूप से तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा कमीशन में शामिल किया गया था।
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Source : News Nation Bureau