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लॉकडाउन के दौरान घर वापसी को बेताब मजदूरों की उमड़ी भीड़, स्पेशल बसों से भेजा जा रहा

देश के कई हिस्सों में मजदूरों का पलायन चिंता का सबब बन गया है.

Updated on: 28 Mar 2020, 11:44 AM

highlights

  • प्रवासी मजदूरों में एक किस्म की बेचैनी और डर का भाव.
  • गाजीपुर और एनएच-24 पर हजारों की संख्या में भीड़.
  • 200 बसें चला रहा है उत्तर प्रदेश रोडवेज.

नई दिल्ली:

लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा के बाद से दिल्ली में अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों में एक किस्म की बेचैनी और डर का भाव साफ देखा जा सकता है. आवागमन के साधन बंद होने से इनकी चिंता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है, जिसे केंद्र सरकार समेत दिल्ली और यूपी की सरकार के तमाम आश्वासन भी कम नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि लोग पैदल ही सैकड़ों दूर अपने-अपने घरों की ओर निकल लिए हैं. हालांकि अब उन्हें बसें मुहैया कराने का काम शुरू हो गया है. शनिवार सुबह इसी बात की सूचना मिलते ही गाजीपुर और एनएच-24 पर हजारों की संख्या में भीड़ अल सुबह से मौजूद थी.

घर-वापसी के सिवाय कोई चारा नहीं
एक लिहाज से देखें तो लॉकडाउन के कारण अचानक रोजगार छिन जाने के बाद मजदूरों के पास घर वापसी के सिवाय कोई चारा नहीं बचा है. ऐसे शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर से लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक छोड़ने के लिए बस चलाई जा रही हैं. बसों को देख लोगों में येन केन प्रकारेण बस के अंदर घुसने को लेकर अफरा-तफरी का माहौल है. प्रशासन लगातार उन्हें आश्वस्त कर रहा है कि संयम रखें और बसों की भी व्यवस्था की जाएगी. सुबह से बड़ी तादाद में लोग यहां मौजूद हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर लगातार बस लगाई जा रही हैं. हर बस में भी किसी तरह घुसने की कोशिश कर रहे लोगों में धक्का-मुक्की जारी है. यहां भी लोगों की हुजूम मौजूद है.

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देश भर में कारोबारी गतिविधियां ठप
गौरतलब है कि 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बाद से देशभर में कारोबारी गतिविधियां रुक गईं हैं. दिल्ली-एनसीआर के भी तमाम प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं. यहां बिहार, यूपी, बंगाल से आए ज्यादातर लोग छोटी-छोटी नौकरियां करते हैं या फिर रेहड़ी-पटरी पर अपना छोटा-छोटा रोजगार चलाते हैं. एक बड़ी संख्या रिक्शा और ऑटो चालकों की भी है. लॉकडाउन के बाद इन सबके सामने भुखमरी की समस्या पैदा हो चुकी है. ऐसे में इनमें किसी तरह घर पहुंचने की होड़ मची है. चूंकि लॉकडाउन में उड़ानों से लेकर ट्रेनें और रोड ट्रांसपोर्ट, सब बंद पड़े हैं. ऐसे में पैदल चलने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है.

शुक्रवार को भी मची थी अफरा-तफरी
गौरतलब है कि लॉकडाउन में फंसे दिल्ली-राजस्थान और हरियाणा आदि से यूपी और बिहार जाने वाले मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को यूपी रोडवेज ने 16 घंटों के दौरान 86 बसें चलाईं. हालांकि इस दौरान यात्रियों की भीड़ और सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन न होने के कारण रोडवेज व जिला प्रशासन की किरकिरी भी हुई. इसके बाद सरकार ने अगले आदेश तक रोडवेज की बसों के संचालन पर रोक लगा दी. बसों का संचालन रुकने से शुक्रवार देर शाम लाल कुआं, कौशांबी व यूपी गेट पर बड़ी संख्या में यात्री फंस गए. लोग बसों के इंतजार में रात तक खड़े रहे. वहीं बसें न मिलने से बड़ी संख्या में यात्री पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े.

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शनिवार को चलाई जाएंगी 200 बसें
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रवासी मजदूरों के पैदल ही घर वापसी की जानकारी मिलने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए विशेष बसें चलाने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत दिल्ली सीमा के कई क्षेत्रों में इंतजार कर रही हजारों की भीड़ के लिए व्यवस्था की गई. यूपी रोडवेज की बसें नोएडा-गाजियाबाद पहुंचनी शुरू हो गई हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक हर दो घंटे पर बसें चलाई जा रही हैं. कुल 200 बसों की व्यवस्था की गई है.